गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे के दौरान भारत और कुवैत के बीच बड़ा रक्षा समझौता हुआ है। ये अब तक किसी भी खाड़ी देश से हुए समझौते में सबसे बड़ा है। कुवैत की सेना को न सिर्फ हिंदुस्तान की सेना ट्रेनिंग देगी बल्कि मेक इन इंडिया के तहत भारतीय हथियार भी दिए जाएंगे। अब भारत के घातक ब्रह्मास्त्र कुवैत की रखवाली करेंगे।
आकाश, नाग, पिनाका के अचूक वार का ट्रेलर देखने के बाद अब कुवैत की भारत से डील हो गई है। अब भारत के हथियारों का डंका मिडिल ईस्ट में भी बजेगा। कुवैत अपने बीते समय से सबक लेकर खुद को इतना मजबूत कर लेना चाहता है कि भविष्य में कोई और ‘इराक’ उसकी संप्रभुता को चुनौती न दे सके।
इसके लिए कुवैत को भारत से दमदार पिनाका, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग दिया जा सकता है। अर्मेनिया के बाद अब स्वदेशी तरकश में शामिल इन घातक मिसाइलों को भारत से कुवैत भी खरीदना चाहता है। इसके साथ एयर डिफेंस के लिए भारतीय रडार भी उसकी पसंद में शामिल है। कुवैत खाड़ी के देशों के संगठन जीसीसी का अगले महीने अध्यक्ष बनने जा रहा है और माना जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद समग्र तौर पर जीसीसी के साथ भारत के रिश्तों में और मजबूती आएगी।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ
संयुक्त बयान में भारत और कुवैत ने सीमा पार समेत हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है और आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों और उन्हें वित्तीय मदद देने वाली व्यवस्था को खत्म करने की मांग की। कुवैत ने हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग का एलान किया। भारत लगातार पड़ोसी देश पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाता है और यह संयुक्त बयान पाकिस्तान पर निशाना है।
कुवैत ने मांगी भारत से मदद
कुवैत सरकार ने अपने देश की प्रगति के लिए वर्ष 2035 की एक योजना तैयार की है और इसमें भारत से हर तरह की मदद मांगी है। इसके बाद मोदी की क्राउन प्रिंस से मुलाकात हुई जिसमें दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र जैसी एजेंसियों में करीबी सहयोग स्थापित करने पर बात हुई। अंत में मोदी की कुवैत के अपने समकक्ष अल-अबदुल्ला से मुलाकात हुई। इसमें कारोबार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
मोदी ने दिया भारत में निवेश का न्योता
मोदी ने इस बैठक में कुवैती इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (केआइए) को भारत के रक्षा, ऊर्जा, फार्मा, फूड पार्क जैसे अपार संभावनाओं वाले क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। केआइए के पास नवंबर, 2024 तक 970 अरब डॉलर का फंड है। यह दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी फंड प्रबंधन कंपनी है जिसने अमेरिका व यूरोप की प्रमुख कंपनियों में निवेश किया है।
चार समझौतों पर हस्ताक्षर
सनद रहे कि इसके पहले मोदी ने यूएई की सोवरेन फंड को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई थी। सोवरेन फंड भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। दोनों प्रधानमंत्रियों के समक्ष भारत व कुवैत के बीच चार समझौते हुए। इसमें सबसे अहम रहा रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने वाला समझौता। अन्य समझौते खेल, संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने से संबंधित रहे।