ब्लिट्ज ब्यूरो
कानपुर। सियाचिन ग्लेशियर समेत बर्फीली चोटियों पर तैनात सेना के जवानों को माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखने वाला हाई एल्टिट्यूड टेंट तैयार हो गया है। कानपुर की ऑर्डिनेंस इक्यूपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) में इसका निर्माण किया गया है। सेना के मानकों पर हुए सफल परीक्षण के बाद इसका ऑर्डर ओईएफ को दिया गया है।
इस टेंट के भीतर ग्लेशियर में भी जवानों के शरीर का तापमान सामान्य रहेगा। दुर्गम क्षेत्रों में भी यह सैनिकों के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगा। हाई एल्टिट्यूड टेंट एक ऐसे इंसुलेटड मैटीरियल से तैयार किया गया है, जो कि 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली बर्फीली हवाओं को रोक सकता है। इन ठंडी हवाओं का असर टेंट के भीतर नहीं होगा। यह कपड़ा एक तरह से ऊष्मा के कुचालक की तरह काम करता है।
इससे टेंट के भीतर गर्मी रहेगी और बाहर की ठंड भीतर नहीं घुसेगी। टेंट के भीतर के माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में जवान सामान्य अवस्था में रह सकेंगे। मानव शरीर इतनी ठंड सह सकता है।
– कानपुर में बना हाई एल्टीट्यूड टेंट
– 50 डिग्री में भी सर्द हवाओं से महफूज रहेंगे जवान
यहां काम आएंगे
समुद्र तल से पांच हजार की ऊंचाई वाले 76 किलोमीटर लंबे सियाचिन ग्लेशियर के अलावा, अरुणाचल प्रदेश के सेला दर्रा, सिक्कि म की लाचेन और थांगू घाटियां, लेह और उत्तराखंड के मुंसियारी जैसे बर्फीले इलाकों में तैनात जवानों द्वारा इस्तेमाल में लाए जाएंगे।
सुरक्षित और सामान्य अवस्था में रह सकेंगे जवान
आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत कानपुर की ओईएफ में तेजी से से हाई एल्टीट्यूड टेंट का उत्पादन हो रहा है। माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी हमारे जवान सुरक्षित और सामान्य अवस्था में रह सकेंगे। -डॉ. अनिल रंगा, महाप्रबंधक, ओईएफ, कानपुर