ब्लिट्ज ब्यूरो
बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) समूह को नई गति प्रदान करने के उद्देश्य से 21 सूत्री कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा, जिसमें भारत के यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) को बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ना और समूह के सदस्यों के बीच सहभागिता को मजबूत करने के लिए ‘बिम्सटेक चैबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करना शामिल है।
बताया महत्वपूर्ण मंच
यहां छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समूह वैश्विक कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
मोदी ने एक्स पर लिखा, यह जरूरी है कि हम इसे मजबूत करें और अपने जुड़ाव को और गहरा करें। इस संदर्भ में, मैंने हमारे सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्री कार्य योजना का प्रस्ताव रखा है। कार्य योजना में मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास के लिए ‘बोधि’ या ‘बिम्सटेक फॉर ऑर्गनाइज्ड डेवलपमेंट ऑफ ह्यूमन रिसोर्स इंफ्रास्ट्रक्चर’ पहल भी शामिल है। इसके तहत, बिम्सटेक देशों के 300 युवाओं को हर साल भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, बिम्सटेक में क्षमता निर्माण ढांचे का एक शानदार उदाहरण बनने की क्षमता है। हम सभी एक-दूसरे से सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। योजना के तहत, उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के अनुभव को साझा करने के लिए विम्सटेक देशों की जरूरतों को समझने के लिए एक प्रायोगिक अध्ययन का प्रस्ताव रखा।
सभी स्तरों पर लाभ होगा
मोदी ने कहा, इसके अलावा, मैं भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को विम्सटेक क्षेत्र में भुगतान प्रणालियों से जोड़ने का प्रस्ताव करता हूं। इससे व्यापार, उद्योग और पर्यटन को सभी स्तरों पर लाभ होगा। आइए आईटी क्षेत्र की समृद्ध क्षमता का दोहन करें और बिम्सटेक को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएं। संबंधित देशों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करने, वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने तथा क्षेत्र के भीतर स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर विचार का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने विनाशकारी भूकंप में म्यांमार और थाईलैंड में हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की।