ब्लिट्ज ब्यूरो
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ विद्रोह हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पीओके के कूइयां गांव में आतंकवादियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और बच्चों को आतंकी बनाने की कोशिश करने वाले कई आतंकियों को लोगों ने जूते मारकर भगा दिया है। स्थानीय लोगों ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी कमांडर रिजवान हनीफ की जमकर पिटाई की और उसे अपनी जान बचाकर वहां से भागने को मजबूर होना पड़ा है। रिजवान हनीफ, लश्कर का कुख्यात आतंकवादी है और उसका काम स्थानीय लोगों को आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटर में ब्रेन वॉश कर लाना था।
आपको बता दें कि रिजवान हनीफ जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मुजाहिदीन का कमांडर है, जो लश्कर-ए-तैयबा की एक सहयोगी शाखा के रूप में कार्य करता है। सूत्रों के मुताबिक वह पीओके में युवाओं की भर्ती, हथियारों की तस्करी और भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाता है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक हनीफ जब अपने हथियारबंद साथियों के साथ गांव में आया, तो पहले तो ग्रामीणों ने उससे सवाल-जवाब किए और फिर उनकी पिटाई शुरू कर दी गई।
पीओके के एक नेता ने वीडियो जारी कर कहा है कि हनीफ को लोगों ने जूते से पीटकर भगा दिया। उन्होंने खुलासा किया है कि गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने अब एक सार्वजनिक ‘जिरगा’ (पंचायत) बुलाने की योजना बनाई है, जिसमें आतंकियों को समर्थन देने वालों की निंदा की जाएगी और गांव में किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि पर सामूहिक प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया जाएगा।
पीओके में लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ लोगों के गुस्सा फूटने का मतलब है कि उन्हें आतंक की तरफ जाने पर अंजाम की आशंका सता रही है। भारत ने अब साफ कर दिया है कि चाहे वो पीओके हो या पाकिस्तान, आतंकियों के ठिकाने पूरे पाकिस्तान में कहीं भी सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तानी पंजाब के मुरीदके और बहावलपुर में हमले कर भारत अपना संकल्प साफ कर चुका है। ये कोई इकलौती घटना नहीं है। हाल के महीनों में पीओके के अन्य हिस्सों में भी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ लोगों ने अपनी आवाजें उठानी शुरू कर दी हैं। इन इलाकों में अब सरकार से शिक्षा, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की जाने लगी है और लोगों ने इनके लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है।