गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। सीरिया में 50 साल लंबे असद शासन का अंत हो गया है। हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अबु मोहम्मद अल-जुलानी के, नेतृत्व में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति बशर देश छोड़कर रूस भाग गए हैं। रूस के सरकारी मीडिया ने बताया कि असद और उनके परिवार को शरण दे दी गई है। विद्रोहियों ने दमिश्क में कर्फ्यू का एलान किया है। दमिश्क पर कब्जे के करीब एक घंटे बाद सरकारी टीवी पर विद्रोहियों के समूह का बयान प्रसारित किया गया कि राष्ट्रपति बशर को सत्ता से उखाड़ फेंका गया है और जेल से कैदियों को रिहा कर दिया गया है। सभी विद्रोही लड़ाकों और नागरिकों से स्वतंत्र सीरियाई राष्ट्र की संस्थाओं को संरक्षित करने का आह्वान भी किया गया। बाद में अनस सलखादी नामक विद्रोही कमांडर ने सरकारी टीवी पर आकर अल्पसंख्यकों को भरोसा दिया कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। उसने कहा, सीरिया सभी के लिए है, कोई अपवाद नहीं। सीरिया सुन्नियों, अलावियों और सभी संप्रदायों के लिए है। हम लोगों के साथ उस तरह व्यवहार नहीं करेंगे जैसा असद परिवार ने किया। बशर अल-असद अपने पिता हाफिज अल-असद के 26 साल से अधिक के शासन के बाद 2000 में सत्ता में आए थे।
सीरिया हमेशा अमेरिका और इस्राइल के निशाने पर रहा है। सत्ता पलट के बाद भी इस्राइल ने उस पर बड़ा हमला किया। उधर तुर्किए ने सीरिया पर हमला करके उसके सीमावर्ती क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सीरिया तेजी से विभाजन की ओर अग्रसर है। विशेषज्ञों का कहना है कि उसके तीन से पांच हिस्से हो सकते हैं।
सभी भारतीय सुरक्षित
सीरिया में सभी भारतीय सुरक्षित हैं । सूत्रों ने बताया कि दमिश्क में भारतीय दूतावास भी काम कर रहा है और वहां रह रहे भारतीयों के संपर्क में है। एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय ने सीरिया में रहने वाले भारतीयों से जल्द देश छोड़ने को कहा था।
राष्ट्रपति भवन में लूटपाट
असद सरकार के गिरते ही लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा कर दिया और वहां तोड़फोड़ और आगजनी की। असद परिवार के सदस्यों के फोटो लोगों ने फाड़ दिए और आभूषण लूट लिए। इसके फोटो मीडिया पर भी वायरल हुए।
11 दिन में हाथ से निकली सत्ता
2013 में विद्रोह को दबाने वाले राष्ट्रपति बशर के हाथ से सत्ता इस बार मात्र 11 दिन में ही निकल गई। विद्रोही लड़ाकों में 27 नवंबर के बाद से हमले तेज कर दिए विद्रोहियों ने हामा और फिर दूसरे सबसे बड़े शहर अलप्पो को कब्जे में लिया और फिर दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। इसके साथ ही असद परिवार के शासन का ‘भी खात्मा हो गया।