ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक किसी पुलिसकर्मी की तरह काम नहीं करता, बल्कि वह वित्तीय बाजार पर कड़ी नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर नियामकीय कदम उठाता है। आरबीआई गवर्नर की यह टिप्पणी आरबीआई की तरफ से नवी फिनसर्व और तीन अन्य गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के खिलाफ की गई नियामकीय कार्रवाई के बाद आई है। उन्होंने कहा कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती के लिए मौजूदा समय ‘असामयिक’ और ‘बहुत जोखिम भरा होगा क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी ऊंचे स्तर पर है। इसके साथ ही दास ने कहा कि भविष्य का मौद्रिक नीतिगत कदम आगामी आंकड़ों और आर्थिक परिदृश्य पर निर्भर करेगा।
ब्लूमबर्ग की तरफ से आयोजित इंडिया क्रेडिट फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा कि सितंबर की खुदरा मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर है और आगामी आंकड़े के भी नरम होने से पहले उच्च रहने की आशंका है।
दास ने कहा, ‘जब मुद्रास्फीति साढ़े पांच प्रतिशत है और अगला आंकड़ा भी ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान है तो इस समय ब्याज दरों में कटौती बहुत असामयिक होगी और यह बहुत जोखिम से भी भरा हो सकता है।’ उन्होंने भविष्य में ब्याज दर में कटौती किए जाने से संबंधित कोई संकेत देने से इनकार करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक आने वाले
– यह समय भारत का है और विकास गाथा बरकरार है
आंकड़ों और आर्थिक परिदृश्य के आधार पर कदम उठाएगा। दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक किसी पुलिसकर्मी की तरह काम नहीं करता, बल्कि वह वित्तीय बाजार पर कड़ी नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर नियामकीय कदम उठाता है।
आरबीआई ने सचिन बंसल की अगुवाई वाली नवी फिनसर्व एवं तीन अन्य एनबीएफसी को कारोबार समाप्ति से कर्ज मंजूर करने और वितरण से रोकने का आदेश दिया है। यह कदम अत्यधिक मूल्य निर्धारण सहित पर्यवेक्षी चिंताओं के कारण उठाया गया है। दास ने मौजूदा समय को भारत का दौर बताते हुए कहा, ‘भारत की वृद्धि की गाथा अभी भी कायम है।