ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में एक ऐसा जिला भी है जिसे ‘मिनी कोलकाता’ के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के हर जिले का इतिहास अपने आप में विशेष महत्व रखता है। हर जिले की अपनी अनोखी पहचान और इतिहास है। इन जिलों को उनके विशिष्ट गुणों के अनुसार अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए आगरा को ताज नगरी, अलीगढ़ को तालानगरी और मुरादाबाद को पीतल की नगरी कहा जाता है।
यूपी का ‘मिनी कोलकाता’
प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 80 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यह शहर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। अपनी अनोखी पहचान और उद्योगों के कारण ही इसे ‘मिनी कोलकाता’ का दर्जा मिला है। भौगोलिक रूप से यह गंगा नदी के किनारे बसा है, जिसने इसके व्यापार और विकास को और गति दी। यह जिला है कानपुर।
यह अपने औद्योगिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश शासन के दौरान इसे ‘मिनी कोलकाता’ कहा जाने लगा, क्योंकि अंग्रेजों ने कोलकाता की तरह ही इसे एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया। यहां कई कारखाने, मिलें और व्यापारिक गतिविधियां शुरू हुईं, जिससे यह उत्तर भारत का बड़ा औद्योगिक हब बना।
औद्योगिक विकास का केंद्र
कानपुर में चमड़ा उद्योग, वस्त्र उद्योग और कई बड़े-बड़े कारखाने हैं, जो इसे देश के सबसे पुराने औद्योगिक शहरों में से एक बनाते हैं। ब्रिटिश काल में यहां कई मिलें स्थापित हुईं, जिन्होंने रोजगार और व्यापार को बढ़ावा दिया। यही कारण है कि इसे लंबे समय से उत्तर भारत का ‘मैनचेस्टर’भी कहा जाता रहा है।
आधुनिक युग में स्टार्टअप हब
वर्तमान में कानपुर केवल पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि तेजी से एक टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहा है। आईआईटी कानपुर की वजह से यहां एआई, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में कई इनोवेटिव स्टार्टअप्स विकसित हो रहे है। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 10,863 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या लगभग 45.81 लाख है। इनमें पुरुषों की संख्या लगभग 24.60 लाख और महिलाओं की 21.21 लाख है। घनी आबादी और बड़े क्षेत्रफल के कारण कानपुर प्रशासनिक, औद्योगिक और आर्थिक रूप से एक महत्वपूर्ण जिला माना जाता है।