ब्लिट्ज ब्यूरो
कानपुर। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आईसीसी हॉल ऑफ फेम के लिए अपनी सूची जारी की। इसमें दुनिया भर के श्रेष्ठ क्रिकेटरों में से तीन पूर्व खिलाड़ियों, इंग्लैंड के एलिस्टेयर कुक, दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और भारत की नीतू डेविड को चुना गया है। आईसीसी की ओर से पूर्व स्पिनर नीतू डेविड का नाम घोषित होते ही कानपुर स्थित उनके घर और यूपीसीए के आफिस में बधाइयों का दौर शुरू हो गया।
यूपीसीए सचिव अरविंद श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष प्रेम मनोहर गुप्ता, सीईओ अंकित चटर्जी ने नीतू डेविड को शुभकामनाएं दीं। श्यामनगर की रहने वाली नीतू डेविड का जन्म वर्ष 1977 में हुआ था। मां-बाप के निधन के बाद वह बड़े भाई के साथ रहती हैं। वर्तमान में वह रेलवे के कानपुर डीजल शेड में आफिस सुप्रिटेंडेंट पद पर तैनात हैं। वर्ष 2020 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की महिला चयन समिति की चेयरपर्सन पद पर हैं।
नीतू डेविड ने आईसीसी की ओर से दिए जाने वाले इस सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया। यूपीसीए के मीडिया प्रभारी अहमद अली खान तालिब ने कहा कि बीसीसीआई के नियमों के तहत वह मीडिया से बात नहीं कर सकतीं, लेकिन आज मिले सम्मान से बहुत खुश हैं। नीतू डेविड ने बतौर स्पिनर वर्ष 1992 से उत्तर प्रदेश से क्रिकेट की शुरूआत की।
भारत की दूसरी सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज
एक साल बाद ही उनका चयन भारतीय टीम में हुआ। 1993-94 में उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए दस टेस्ट मैचों में 41 विकेट और 97 वनडे में 141 विकेट लेने के बाद वर्ष 2008 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में भारत की तरफ से 100 विकेट लेने वाली पहली गेंदबाज हैं। अभी भी वह भारत की तरफ से दूसरी सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं।
उत्तर प्रदेश टीम की कोच भी रहीं
घरेलू मैचों की बात करें, तो नीतू ने उत्तर प्रदेश से 150 मैच खेले। उन्होंने वर्ष 1996 से 2008 तक रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। संन्यास लेने के बाद वह 2008 से 2010 तक उत्तर प्रदेश टीम की कोच रहीं। उसके बाद वह तीन साल यूपी महिला चयन समिति की चेयर पर्सन बनीं। वर्ष 2020 में बीसीसीआई ने उन्हें अपनी महिला चयन समिति का चेयरपर्सन बनाया, जो अभी तक जारी है।