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पर्यटन का ग्लोबल हब बनी काशी

Kashi becomes a global hub of tourism
ब्लिट्ज ब्यूरो

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में धर्म, अध्यात्म, संस्कृति और इतिहास को समेटे हुए पौराणिक नगरी काशी ने बीते वर्षों में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। ब्रांड बनारस अब विश्व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
वाराणसी देश के उन शहरों में शामिल हो गया है, जहां तेजी से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में काशी के कलेवर में हुए ऐतिहासिक बदलावों ने उसके प्राचीन वैभव को नई ऊर्जा दी है। अपनी मौलिक पहचान को बरकरार रखते हुए आधुनिक होती काशी की बदलती हुई हुई छवि ने दुनिया भर के सैलानियों को बनारस की ओर खींचा है।
पर्यटकों की संख्या का कीर्तिमान स्थापित होने के साथ ही पर्यटन उद्योग व काशी की आर्थिकी में भी सकारात्मक असर दिख रही है। वर्ष 2014 से वर्ष 2025 (सितम्बर तक) तक 12 सालों में पैंतालीस करोड़ चौवालीस लाख भारतीय और विदेशी काशी पर्यटकों ने काशी का भ्रमण किया है। पर्यटन विभाग के अनुसार वर्ष 2014 में पर्यटकों की संख्या चौवन लाख नवासी हजार थी, जो 2025 ( सितंबर तक) तक बढकर 14. करोड़,69 लाख के पार पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार 2014 के मुकाबले 2025 में भारतीय और विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगभग चौदह करोड़ चौंसठ लाख से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। 2014 से 2025 तक 12 वर्षो में भारतीय पर्यटकों की संख्या 45.16 करोड़ और विदेशी पर्यटकों की संख्या 28.73 लाख है।
डबल इंजन सरकार में धरातल पर उतरा विकास
दशकों तक विकास कार्य केवल कागजी योजनाओं तक सिमटा रहा । अब काशी में विकास कार्य तेजी से धरातल पर उतर रहा है, वाराणसी का सांसद बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में केंद्र की बागडोर संभाली और 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली तब से डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों के साथ-साथ वाराणसी के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया। मजबूत कानून व्यवस्था, बेहतर कनेक्टिविटी (सड़क, रेल और हवाई मार्ग), बुनियादी सुविधाओं में व्यापक सुधार और विश्वस्तरीय सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं ने काशी को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
बदली काशी की तस्वीर
नव्य-भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वहीं, गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण, बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था, बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के विकास, गंगा में क्रूज़ का संचालन और आधुनिक सुविधाओं की निरंतर बढ़ती श्रृंखला ने देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया है।
कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पर्यटन प्रभावित हुआ, लेकिन इसके बाद काशी में पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला। वर्ष 2022 से लेकर 2025 तक हर साल रिकॉर्ड संख्या में सैलानी वाराणसी पहुंचे, जिससे पर्यटन उद्योग को नई रफ्तार मिली। उत्तर प्रदेश के टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से पर्यटन उद्योग से जुड़े हर वर्ग को लाभ मिला है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। वाराणसी आज एक वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है।
कोरल होटल्स एंड रिसोर्ट के एम.डी. खालिद अंसारी ने कहा कि किसी शहर के विकसित होने से औद्योगिक विकास के साथ ही पर्यटन उद्योग को भी रफ़्तार मिलती है। पर्यटन उद्योग से न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलती है ,बल्कि शहर की पहचान भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होती हैं। वाराणसी जैसे ऐतिहासिक शहर में विकास के साथ पर्यटन, होटल और रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं कई गुना बढ़ गई हैं।

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