ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। शतरंज के खेल में भारत का दबदबा जारी है। डी. गुकेश के विश्व चैंपियन बनने के बाद कोनेरू हंपी ने दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हरा यह उपलब्धि हासिल की। इससे पहले हंपी ने 2019 में जॉर्जिया में यह खिताब जीता था। इसी के साथ भारत की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की जू वेनजुन के बाद एक से अधिक बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं। 37 वर्षीय हंपी ने 11 में से 8.5 अंक के साथ टूर्नामेंट को खत्म किया।
हंपी ने जीत दर्ज करने के बाद कहा, मैं बहुत उत्साहित हूं और मुझे बहुत खुशी है। मुझे उम्मीद थी कि यह बहुत कठिन दिन होगा, किसी तरह के टाई-ब्रेकर की तरह। लेकिन जब मैंने बाजी खत्म की, मुझे तब पता चला जब मध्यस्थ ने मुझे बताया और यह मेरे लिए एक तनावपूर्ण क्षण था। काले मोहरों के साथ खेलने वाली इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा, यह काफी अप्रत्याशित है क्योंकि पूरे साल मैं संघर्ष करती रही हूं और कई टूर्नामेंट में प्रदर्शन काफी खराब था जहां मैं अंतिम स्थान पर रही। इसलिए यह मेरे लिए आश्चर्य है। हंपी ने कहा, मुझे लगता है कि यह मेरे परिवार के समर्थन की वजह से संभव हुआ। मेरे पति और मेरे माता- पिता… वे मेरा बहुत समर्थन करते हैं। जब मैं यात्रा करती हूं तो मेरे माता- पिता मेरी बेटी की देखभाल करते हैं। अनुभवी हंपी ने स्वीकार किया कि पहले दौर की हार के बाद वह खिताब के बारे में नहीं सोच रही थीं। हंपी ने कहा, मुझे लगता है कि भारत के लिए यह सही समय है। हमारे पास विश्व चैंपियन के रूप में गुकेश है और अब मुझे रैपिड प्रतियोगिता में दूसरा विश्व खिताब मिला है।
विश्व रैपिड चैंपियनशिप में हंपी ने 2012, 2023 व 2024 में क्रमशः कांस्य (मारको), रजत (समरकंद) व स्वर्ग (न्यूयॉर्क) जीते थे।
कौन हैं कोनेरू हंपी
हंपी का जन्म 31 मार्च 1987 को आंध्र प्रदेश के गुडीवाड़ा में हुआ। था। उन्होंने 2002 में महज 15 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह सबसे युवा महिला बनी थीं। दो बार की वर्ल्ड रैपिड चैंपियन हंपी ने शतरंज के इतिहास में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने ओलंपियाड, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं। 2007 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कोनेरू हंपी ने भारत में शतरंज के परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है।
मुझे खुशी है कि मैं यह कर पाई
आपकी उम्र बढ़ती है तो उस प्रेरणा को बनाए रखना काफी मुश्किल होता है। मुझे खुशी है कि मैं यह कर पाई। -कोनेरू हंपी
गुकेश वर्ल्ड चैंपियन
– डी. गुकेश सिंगापुर में क्लासिकल प्रारूप विश्व चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बने।
– सितंबर में भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में पहली बार ओपन और महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम ने हम्पी को शुभकामनाएं देते हुए कहा- 2024 फिडे महिला विश्व रैपिड चैम्पियनशिप जीतने पर हम्पी कोनेरू को बधाई। उनकी दृढ़ता और प्रतिभा लाखों लोगों को प्रेरित करती है। यह जीत और भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह उनका दूसरा विश्व रैपिड चैम्पियनशिप खिताब है, जिससे वह यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय बन गई हैं।
कोनेरू हंपी को महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीतने पर बधाई। उनकी जीत भारतीय शतरंज के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। – एन चंद्रबाबू नायडू, सीएम, आंध्र प्रदेश
कोनेरू हंपी को शानदार प्रदर्शन के लिए हार्दिक बधाई। उन्होंने आखिरी राउंड में अपनी उत्कृष्टता का परिचय देते हुए खिताब अपने नाम किया। – विश्वनाथन आनंद, महान शतरंज खिलाड़ी