ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका की ‘मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (एमआईटी) दुनिया की नंबर वन यूनिवर्सिटी है। इसकी स्थापना 1861 में बोस्टन में हुई थी, लेकिन फिर 1916 में एमआईटी को कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में रिलोकेट कर दिया गया। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के मुताबिक, एमआईटी दुनिया का नंबर वन संस्थान है। पिछले 13 सालों से लगातार एमआईटी पहले पायदान पर रहा है। क्यूएस रैंकिंग में अच्छे प्रदर्शन की मुख्य वजह वर्ल्ड-क्लास फैकल्टी, रिसर्च फैसिलिटी और प्रतिष्ठित अकेडमिक प्रोग्राम हैं।
अमेरिका में पढ़ने के लिए भारत से हर साल जाते हैं हजारों छात्र
अमेरिका में पढ़ने के लिए भारत से हर साल हजारों छात्र जाते हैं, जिनमें से ज्यादातर मास्टर्स डिग्री हासिल करने के लिए यूएस की उड़ान भरते हैं। ‘मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ में भी भारतीय पढ़ाई कर रहे हैं। यहां करीब 350 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। एमआईटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में दूसरा सबसे बड़ा ग्रुप भारतीयों का ही है। ये दिखाता है कि भारतीयों के बीच एमआईटी में पढ़ने का क्रेज है। आइए जानते हैं कि भारतीय छात्रों को एमआईटी में किस तरह से एडमिशन मिलेगा।
एक्सेप्टेंस रेट 4.8 प्रतिशत
बहुत से छात्रों को भारत से बैठे-बैठे एमआईटी में एडमिशन लेना काफी मुश्किल लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है। सबसे पहला कदम ये समझना है कि इसमें एडमिशन की शर्तें क्या हैं। यहां का एक्सेप्टेंस रेट 4.8% है, जिसका मतलब है कि बहुत ही कम छात्रों को हर साल एडमिशन मिलता है। यही वजह है कि इसमें एडमिशन के लिए मजबूत अकेडमिक बैकग्राउंड के साथ-साथ एक्सट्राकरिकुलर एक्टिविटी भी जरूरी होती है।
एमआईटी में अप्लाई करने के लिए एप्लिकेशन फीस 75 डॉलर है, जबकि एमआईटी स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की एप्लिकेशन फीस करीब 250 डॉलर है। आइए जानते हैं कि मास्टर डिग्री में एडमिशन लेने के लिए किन शर्तों को पूरा करना होगा।
बैचलर्स डिग्री : एमआईटी में मास्टर डिग्री में एडमिशन लेने के लिए बैचलर डिग्री होना जरूरी है।
न्यूनतम जीपीए जरूरी नहीं लेकिन…
वैसे तो एडमिशन के लिए कोई न्यूनतम जीपीए जरूरी नहीं है, लेकिन यहां अप्लाई करने वाले छात्रों का आमतौर पर 3.5+ जीपीए होता है, जिसमें ज्यादातर मैथ्स और साइंस के सब्जेक्ट्स में ए होते हैं।
जीआरई स्कोर : एमआईटी में एडमिशन के लिए जीआरई स्कोर की भी जरूरत पड़ती है। संस्थान के ज्यादातर मास्टर कोर्सेज में एडमिशन जीआरई स्कोर के आधार पर दिया जाता है।
रिज्यूमे : एमआईटी समेत किसी भी अमेरिकी संस्थान में एडमिशन के लिए रिज्यूमे की जरूरत पड़ती है, जिसमें छात्र अपनी जानकारी देता है। एमआईटी रिसर्च एक्सपीरियंस को तवज्जो देता है। अगर आपने किसी रिसर्च को नामी जर्नल में पब्लिश करवाया है, तो इससे आपकी एडमिशन के लिए दावेदारी मजबूत होगी।
रिकमेंडेशन: अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए लेटर ऑफ रिकमेंडेशन की भी जरूरत पड़ती है। ये लेटर अकेडमिक या प्रोफेशनल्स मेंटर्स की तरफ से हो तो ज्यादा बेहतर होती है। एमआईटी में एडमिशन के लिए भी इसकी जरूरत पड़ती है।
अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होने का सबूत
अमेरिका में अंग्रेजी में पढ़ाई करवाई जाती है। यही वजह है कि एमआईटी में एडमिशन के लिए आपके पास आईईएलटीएस या टीओईएफएल स्कोर भी होना चाहिए।