ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर के बीच रैपिड रेल चलाने के प्रस्ताव को आखिरकार शासन की हरी झंडी मिल गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा तैयार किए गए लखनऊ-कानपुर नमो भारत रेल कॉरिडोर के प्रारंभिक संरेखण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने पिछले सप्ताह इस संबंध में आदेश जारी कर केंद्र सरकार और एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक को रिपोर्ट भेज दी है। इससे दो घंटे का सफर 40 मिनट में पूरा होगा।
67 किमी लंबे नमो भारत कॉरिडोर को मिली स्वीकृति
शासन के आदेश के अनुसार करीब 67 किलोमीटर लंबे इस रैपिड रेल कॉरिडोर के प्रारंभिक मार्ग को अनुमोदित कर दिया गया है। अब परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने और तकनीकी सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि आगे की प्रक्रिया एनसीआरटीसी द्वारा नियमानुसार आगे बढ़ाई जाए।
तीन जिलों के बीच दौड़ेगी रैपिड रेल
रैपिड रेल के लिए शासन में एक हाईपावर कमेटी गठित हुई थी जिसे इस पर फैसला लेना था।
इसकी मंजूरी के बाद एनसीआरटीसी को रिपोर्ट भेजी गई। कमेटी लखनऊ, कानपुर और उन्नाव तीनों जिलों के प्राधिकरणों के बीच समन्वय भी बनाएगी। यह कमेटी भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय स्वीकृति, निर्माण स्वीकृति और विभागीय मंजूरियों से जुड़ी बाधाओं को तेजी से सुलझाएगी।
160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
रैपिड रेल अमौसी एयरपोर्ट से शुरू होकर उन्नाव होते हुए कानपुर तक जाएगी। यह आधुनिक ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और बीच में सिर्फ तीन स्टॉप होंगे, लखनऊ, उन्नाव और कानपुर। फिलहाल सड़क मार्ग से लखनऊ से कानपुर का सफर दो घंटे तक लगता है, लेकिन रैपिड रेल इसे महज 40 मिनट में पूरा कर देगी।