गुलशन वर्मा
महाकुंभनगर। तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर बीते 13 जनवरी से आयोजित हुए महाकुंभ मेले ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर 66 करोड़ का आंकड़ा पारकर इतिहास रच दिया। महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर महाकुंभ को संख्या के लिहाज से इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। दावा किया जा रहा है कि कुंभ ही नहीं, दुनिया के किसी भी आयोजन में आज तक एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं जुटे हैं, जितने 45 दिनों के अंदर प्रयागराज में बनाए गए एक अस्थायी शहर में जुट गए। यह संख्या कई देशों की कुल आबादी से भी कई गुना अधिक है। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाई है।
66 करोड़ श्रद्धालुओं के किसी एक स्थान पर जुटने का इतिहास में और कोई उदाहरण नहीं दिखाई देता। सनातन के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, दृढ़ निश्चय और विश्वास का ही यह फल है कि संगम तट पर इतना विशाल जनसमूह 45 दिनों में एकत्र हो गया। यदि इस संख्या की दुनिया भर के देशों से तुलना की जाए तो कई देशों की आबादी इसमें समा जाएगी।
उदाहरण के तौर पर अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु यहां आए। यही नहीं, जापान से 5 गुनी , यूके से 10 गुनी और फ्रांस से 15 गुनी से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई।
देश की लगभग आधी आबादी ने लगाई डुबकी
यदि देश की कुल जनसंख्या से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो इसके अनुसार भी लगभग 50 प्रतिशत भारत ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा ली है। वहीं अगर सनातन धर्मावलंबियों की बात करें तो देश के 60 प्रतिशत से ज्यादा और दुनिया के करीब 55 प्रतिशत सनातनी श्रद्धालुओं ने पावन स्नान कर लिया।
73 देशों के राजनयिकों के साथ भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां अमृत स्नान करने पहुंचे। यही नहीं, मां जानकी के मायके नेपाल के 50 लाख से अधिक लोग त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान कर महाकुम्भ के साक्षी बने। इसके अलावा इटली, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल, अमेरिका, इजराइल, ईरान, मॉरीशस समेत दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचे।
उम्मीदों के पार पहुंचा श्रद्धालुओं का आंकड़ा
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर के भी पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुम्भ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी। सीएम योगी ने अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है, वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। हालांकि, श्रद्धालुओं की संख्या सीएम योगी के अनुमान से बहुत आगे निकल गई। बीती 11 फरवरी को ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं का आंकड़ा पार हो गया, जबकि 22 फरवरी को यह संख्या 60 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गई। महाशिवरात्रि पर 66 करोड़ की संख्या पारकर इसने नया कीर्तिमान बना दिया।