ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। फीस जमा कराने में देरी के कारण आईआईटी की सीट लगभग गंवा देने वाले उत्तर प्रदेश के एक दलित छात्र का मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए राज्य के समाज कल्याण विभाग के साथ सभी आईआईटी, आईआईएम और अन्य प्रमुख संस्थानों को पंजीकृत करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत पंजीकृत होने वाला पहला संस्थान आईआईटी धनबाद होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गत दिनों आईआईटी धनबाद को मुजफ्फरनगर के टिटोरा गांव के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे अतुल कुमार (18) को दाखिला देने का निर्देश दिया था। तय समय के भीतर कुमार 17,500 रुपये की प्रवेश फीस का भुगतान करने में विफल रहा था जिसकी वजह से उसने आईआईटी धनबाद में ‘इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग’ पाठ्यक्रम की अपनी सीट गंवा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि वह छात्रवृत्ति के माध्यम से कुमार की पूरी फीस वहन करेगी। राज्य सरकार अब कुमार जैसे सभी विद्यार्थियों की मदद करने की योजना बना रही है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण ने बताया, हम आईआईटी और आईआईएम सहित राज्य के बाहर स्थित सभी राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को पंजीकरण के लिए लिखेंगे ताकि इन संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के सभी पात्र अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति का निर्बाध वितरण हो सके।
अरुण ने कहा कि उन्होंने आईआईटी धनबाद के रजिस्ट्रार से बात की है और संस्थान के शीघ्र ही समाज कल्याण विभाग के साथ पंजीकृत होने की संभावना है। मंत्री ने कहा, मैने आईआईटी धनबाद के अधिकारियों से बात की है और उम्मीद है कि जब तक अतुल संस्थान पहुंचेगा तब तक संस्थान हमारे साथ पंजीकृत हो जाएगा और भविष्य में अतुल तथा राज्य के सभी अन्य पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति का सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित हो जाएगा। अरुण ने कहा, अभी तक, उत्तर प्रदेश के बाहर आईआईटी जैसा कोई भी संस्थान हमारे साथ पंजीकृत नहीं है। आईआईटी धनबाद भी हमारे साथ पंजीकृत नहीं था।
उन्होंने कहा, इसलिए मैंने संस्थान के रजिस्ट्रार को फोन किया जो कन्नौज के रहने वाले है। यह निर्णय लिया गया है कि आईआईटी धनबाद को तुरंत हमारे साथ पंजीकृत किया जाएगा जिससे छात्रवृत्ति वितरण के लिए रास्ता जल्दी तैयार किया जा सके। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के तीन विभाग समाज कल्याण, पिछड़ा कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण छात्रवृत्ति का वितरण करते हैं। समाज कल्याण विभाग सभी छात्रवृत्तियों के लिए नोडल विभाग है और इसके लिए नियम बनाता है। अरुण ने कहा कि उनका विभाग छात्र अतुल कुमार को ‘फ्री-शिप कार्ड’ भी जारी करेगा।