ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने इस समस्या को खत्म करने के लिए आम जनता की भागीदारी का आह्वान भी किया। मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न स्थानों पर 100 सड़क सुरक्षा ऑडिट किए गए हैं। संसद सत्र समाप्त होने के बाद वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका विवरण साझा करेंगे। वे दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना एक सामाजिक समस्या है। मैं स्वीकार करता हूं कि हमें अन्य क्षेत्रों में जो सफलता मिली, वह यहां (सड़क दुर्घटनाओं में) नहीं मिल सकी। भारत में हर साल लगभग 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं और लगभग 1.80 लाख लोग ऐसी दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं।
यातायात नियमों का पालन करें
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं जनता से यातायात नियमों का पालन करने और सुरक्षित वाहन चलाने का अनुरोध करता हूं। अगर आपको लाल बत्ती दिखाई दे, तो रुक जाएं। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य पहनें।
सड़क सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के तहत, सरकार ने कई कदम उठाए हैं। चार पहिया वाहनों में 6 एयरबैग, दोपहिया वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकिंग सिस्टम और तीसरा, जुर्माने की राशि में वृद्धि की गई है लेकिन चौथा कदम जनता से जुड़ा है। जन जागरूकता होनी चाहिए।
जन जागरूकता से दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी
गडकरी ने कहा कि सरकार दुर्घटनाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए 22 भाषाओं में अभियान चला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकारी पहल और जन जागरूकता से दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही आवंटित की जा चुकी हैं और अगले साल मार्च से पहले इसे 5 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। भविष्य में सालाना 10 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं आवंटित करने का लक्ष्य है। एक अध्ययन का हवाला देते हुए, गडकरी ने कहा कि देश में सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण लॉजिस्टिक्स की लागत भी पहले के 16 प्रतिशत से कम हो गई है। इस साल दिसंबर तक इसे 9 प्रतिशत के स्तर पर लाने के प्रयास जारी है।































