ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। यूपी विधानसभा में सदस्य एवं मंत्रिगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। इसमें सभी विधायक और विधान परिषद के सदस्यों की सुख सुविधा को बढ़ा दिया गया है। सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ने इसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया।
यूपी वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मार्च 2025 में एक समिति की घोषणा की थी। मेरी अगुवाई में समिति में हुई थी जिसमें माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, अराधना मिश्रा मोना और रघुराज सिंह उर्फ राजा भैया सदस्य थे। कई मीटिंगों के बाद जो निष्कर्ष निकाला कि इस महंगाई के युग में विधायकों के भत्ता में इजाफा किया जाए। सरकार ने समिति की सिफारिशों ो मंजूरी दे दी है कि विधायकों का वेतन 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार कर दिया जाए। मंत्रियों का वेतन 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया जाए। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता था उसे 50 हजार से 75 हजार कर दिया जाए। दैनिक भत्ता जो 2000 था उसे 2500 कर दिया जाए। जनसेवा कार्यों हेतु दैनिक भत्ता 1500 से बढ़ाकर 2000 कर दिया जाए। चिकित्सीय भत्ता 30 हजार से बढ़ाकर 45 हजार कर दिया जाए। टेलीफोन भत्ता अब तक 6 हजार था उसे बढ़ाकर 9 हजार कर दिया जाए। इसके साथ पेंशन को प्रतिमाह 25 हजार की जगह 35 हजार कर दिया जाए।
माने गए सुझाव
पारिवारिक पेंशन न्यूनतम 25 हजार थी उसके स्थान पर 30 हजार कर दी गई। रेलवे कूपन प्रति वर्ष पूर्व विधायकों के थे 1 लाख के स्थान पर डेढ़ लाख की व्यवस्था कर दी गई है। इसमें रेल और हवाई जहाज के लिए 50 हजार और निजी गाड़ी के तेल के लिए 1 लाख रुपये कैश ले सकते हैं। अगर बाद में ये बच जाते हैं तो ये भी परिवर्तनीय हैं। कुल मिलाकर 105 करोड़ 63 लाख रुपये की वार्षिक व्यवस्था की गई है। वहीं, 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का सरकार के ऊपर बोझ आएगा।
9 साल बाद वेतन-भत्ता बढ़ा
वित्त मंत्री ने विधानसभा में बताया कि समय के साथ महंगाई बढ़ी है। इससे पहले विधायक-मंत्रियों के वेतन भत्ते पर 2016 में पहले इस पर विचार हुआ था। अब 9 साल के बाद इस पर विचार हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि महंगाई के इस दौर में लोगों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह कदम आवश्यक था, इसलिए इस पर विचार किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे मंजूरी दे दी है।






























