ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। अमेरिका के 2,700 शहरों में लाखों लोग राष्ट्रव्यापी ‘नो किंग्स’ विरोध प्रदर्शनों में सड़कों पर उतर आए। यह अमेरिकी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा एकदिवसीय विरोध प्रदर्शन था।
न्यूयॉर्क शहर में एक लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारी टाइम्स स्क्वायर पर जमा हुए थे, जिनके हाथों में ‘नफरत अमेरिका को महान नहीं बनाएगी’, अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन को न्यूयॉर्क शहर से बाहर करो’, ‘हमारे संविधान की रक्षा करो’, ‘लोकतंत्र, राजतंत्र नहीं’ और ‘संविधान वैकल्पिक नहीं है’ जैसे पोस्टर थे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ट्रंप एक लोकतंत्र में राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि प्रवासी देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। सैन फ्रांसिस्को में प्रशासन की आव्रजन कार्रवाई और हाल ही में कई अमेरिकी शहरों में नेशनल गार्ड की टुकड़ियों की तैनाती के विरोध में लगभग 50 हजार लोग सड़कों पर उतर आए थे। वाशिंगटन राज्य के सिएटल में वकालत समूहों और श्रमिक संघों ने अमेरिकी शहरों से संघीय बलों की तैनाती हटाने का आह्वान किया।
दूसरा प्रदर्शन
‘नो किंग्स’ आंदोलन का यह दूसरा प्रदर्शन था। इससे पहले 14 जून को ट्रंप के जन्म दिन पर पहला प्रदर्शन हुआ था, जिसमें 50 राज्यों से लाखों ने भाग लिया था।
कोई गिरफ्तारी नहीं
न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने एक्स पर सूचना दी कि प्रदर्शन से संबंधित कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। अमेरिकी सीनेट के नेता चक शुमर मैनहट्टन में प्रदर्शन में पहुंचे, जबकि अध्यक्ष माइक जॉनसन और अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने इसे अमेरिका विरोधी रैली बताकर खारिज किया।
कोलंबियाई राष्ट्रपति मादक
पदार्थों के सौदागर
कोलंबियाई राष्ट्रपति को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मादक पदार्थों का सौदागर बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस कारोबार को बंद करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही उन्होंने कोलंबिया वो मिलने वाली अमेरिकी सह राशि भी बंद करने की बात कही।































