लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में बीफार्मा करने वाले स्टूडेंट्स को अब एमफार्मा करने के लिए दूसरे विवि का रुख नहीं करना पड़ेगा। अगले साल से एलीयू में भी एमफार्मा पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहा है। वहीं, विवि में डी फार्मा पाठ्यक्रम शुरू भी हो गया है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से दोनों पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता मिलने के बाद एलयू की अकैडमिक काउंसिल से भी मंजूरी मिल गई है।
विवि में 2022 से बीफार्मा शुरू होने के बाद अब डीफार्मा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। बीफार्मा का पहला बैच अगले साल पासआउट होगा। ऐसे में एलयू ने साल फार्मेसी काउंसिल में एमफार्मा की मान्यता के लिए आवेदन किया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। काउंसिल से तीस सीटों की मान्यता मिली है। इनमें 15 फार्मास्यूटिकल और 15 सीटें फार्माकॉलजी की होंगी। कोर्स स्ट्रक्चर अप्रूव करने के साथ ही फार्मेसी काउंसिल को प्रस्ताव भेजने की तैयारी चल रही है। इससे अगले साल से दाखिले होंगे।
एमफार्मा शुरू होने से विवि से बीफार्मा करने वाले स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। वर्तमान में बीबीएयू व एकेटीयू में एमफार्मा पाठ्यक्रम चलता है लेकिन सीटें सीमित हैं। बीबीएयू में महज 20 सीटों पर ही दाखिले लिये जाते हैं। इसी तरह निजी कॉलेजों में भी एमफार्मा में 30 से अधिक का बैच नहीं है। यही वजह है कि दाखिले की दिक्क त होती है।
©2024 Blitz India Media -Building A New Nation