ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने दो टूक कहा है कि नाटो का दोहरा रवैया नहीं चलेगा, पहले हम अपनी जरूरत देखेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि खुद रूस से तेल खरीदने वाले इसके लिए भारत को प्रतिबंधों और टैरिफ की धमकी दे रहे हैं। दरअसल, यूरोपीय देश और नाटो के सदस्य रूसी तेल-गैस के बड़े खरीदार बने हुए हैं। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के अनुसार, यूरोपीय संघ 2022 से रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस और पाइपलाइन गैस का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है। वहीं, नाटो का सदस्य तुर्किये रूसी तेल उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार है। यूरोपीय संघ ने जनवरी, 2028 तक रूसी तेल और प्राकृतिक गैस के आयात को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। नाटो प्रमुख मार्क रट ने भारत, चीन और ब्राजील को चेतावनी देते हुए वाशिंगटन डीसी में कहा था कि रूस के साथ व्यापार जारी रखने पर इन देशों पर 100 प्रतिशत सेकंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जायसवाल ने कहा, हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
रुस संग वार्ता तय कार्यक्रम के अनुरूप
जायसवाल ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि रूस के साथ भारत की अगली शिखर वार्ता तय कार्यक्रम के अनुरूप भारत में ही होगी। भारत-रूस शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण है। इसकी तारीखों पर अभी विचार चल रहा है। 













			

















