ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर विधेयक-2025 पेश कर दिया। इसे समीक्षा के लिए सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि दूसरे बजट सत्र के पहले दिन समिति अपनी रिपोर्ट दे सकती है।
उसके बाद संसद विधेयक को पारित करने पर विचार करेगी। विधेयक में आयकर कानून को संक्षिप्त, स्पष्ट, पढ़ने और समझने में पहले से आसान बनाने का प्रस्ताव है। नए आयकर विधेयक में करीब 2.6 लाख शब्द होंगे, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 में 5.12 लाख शब्द हैं।
इसका मतलब है कि गैर जरूरी शब्दों को हटाकर आयकर कानून को सरल बनाया जा रहा है। 18 तालिकाओं की तुलना में 57 से अधिक तालिकाओं को शामिल किया गया है, जिससे कानून से जुड़े प्रावधानों को समझना आसान है। उपधाराओं और खंडों का भी इस्तेमाल किया गया है।
टीडीएस-टीसीएस के प्रावधानों को सरल बनाया
टीडीएस और टीसीएस प्रावधानों को तालिकाएं देकर समझना आसान बना दिया गया है। निवासियों और गैर-निवासियों को भुगतान के लिए अलग-अलग तालिकाएं दी गई हैं। जहां पर कोई कटौती नहीं होती, उसे उदाहरण के तौर पर समझाया गया है।
बिल में अहम प्रावधान
■ एनजीओ अध्याय को सरल भाषा के प्रयोग से अधिक व्यापक बनाया गया है। तालिकाओं के माध्यम से सरलता और बड़ी संख्या में प्रावधानों को अनुसूचियों में रखा गया है।
■ वेतनभोगी कर्मचारियों से संबंधी सभी प्रावधानों को आसानी के लिए विधेयक में एक ही जगह पर रखा गया है।
■ विशिष्ट आय और व्यक्तियों के लिए छूट से संबंधित प्रावधानों को स्थानांतरित किया गया। उन्हें अलग से एक जगह पर उल्लेखित किया गया है।
■ ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, पेंशन का रूपांतरण, वीआरएस पर मुआवजा और छंटनी मुआवजा जैसे प्रावधान अब वेतन अध्याय का ही हिस्सा हैं।