ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) के नाम से बनकर तैयार नए हवाई अड्डे पर यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को कुछ शुल्क देना होगा। इसे यूजर डेवलपमेंट फीस यानी यूडीएफ कहा जा रहा है। यह शुल्क 210 रुपये से 980 रुपये तक होगा।
खबरों के मुताबिक यह हवाई अड्डा इस साल सर्दियों में शुरू होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (एईआरए) ने एनआर्इए के लिए यह शुल्क तय किया है। एईआरए हवाई अड्डों के लिए नियम बनाती है। एनआईए के संचालक ने गत 13 अगस्त को बताया था कि हवाई अड्डे का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की उम्मीद है।
एईआरए ने घरेलू यात्रियों के लिए 490 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 980 रुपये यूडीएफ तय किया है। यह शुल्क हवाई अड्डे से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए है। हवाई अड्डे पर आने वाले घरेलू यात्रियों को 210 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 420 रुपये यूडीएफ देना होगा। इन सभी शुल्कों पर टैक्स अलग से लगेगा। यह शुल्क एनआईए के संचालक द्वारा भेजे गए प्रस्ताव से काफी कम है। यह शुल्क 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। इसके बाद एईआरए नया आदेश जारी कर सकती है।
शुरुआती सालों में एनआईए में ज्यादातर घरेलू उड़ानें ही होंगी। मार्च 2030 तक 94 प्रतिशत से ज्यादा यात्री देश के अंदर ही यात्रा करेंगे। हवाई अड्डे के संचालक का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में 57 लाख घरेलू यात्री और 2.4 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री यात्रा करेंगे। वित्तीय वर्ष 2030 में यह संख्या बढ़कर 1.7 करोड़ घरेलू और 10 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री होने की उम्मीद है। एईआरए ने अलग-अलग तरह के विमानों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क भी तय किए हैं।
हवाई अड्डे के संचालक ने पहले चरण के लिए 7,209 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित किया है। पहले चरण में एनआईए की क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। अगले चरणों में यह क्षमता बढ़कर 3 करोड़ यात्री प्रति वर्ष (सीपीए) हो जाएगी। इसके बाद दूसरे टर्मिनल और रनवे का काम शुरू होगा। इससे एनआईए की क्षमता बढ़कर 5 एर्इआरए और फिर 7 एईआरए हो जाएगी। जब हवाई अड्डा अपनी मौजूदा क्षमता का 80 प्रतिशत हासिल कर लेगा, तब अगले चरण का विकास शुरू हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार एनआईए को दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बनाना चाहती है। इसलिए, यहाँ कई और टर्मिनल और रनवे बनाए जाएंगे।