ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। बस्तर को नया रूप देने और नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर साझा योजना पर काम कर रही हैं। सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस बलों की साझा मुहिम के तहत जनवरी से दिसंबर मध्य तक करीब दस करोड़ रुपए के इनामी नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। इसके बाद विकास की मुहिम अबूझमाड़ के जंगलों तक पहुंचाने की योजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार अब एक नई योजना पर काम कर रही है जिसमें केंद्र और राज्य मिलकर नक्सल फ्री इलाकों को इस तरह से विकसित करेंगे जहां दोबारा नक्सलवाद के पनपने की गुंजाइश न हो। इस संबंध में बैठकों के कई दौर हो चुके हैं। जल्द ही इसका अंतिम रूप सामने आ सकता है।
सुरक्षा बलों का लक्ष्य है कि केंद्र की तय समयसीमा में नक्सल का पूरी तरह से खात्मा किया जाए। गृहमंत्री ने मार्च 2026 तक नक्सल के खात्मे की समय सीमा तय की है।
नक्सली कमांडरों के गांव में खोले गए कैम्प
सुरक्षा बलों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2001 से वर्ष 2014 तक कुल 124 सुरक्षा कैम्प खोले गए थे जबकि पिछले पांच साल के दौरान 289 कैम्प बस्तर रीजन में खोले गए हैं। इनमें से कई सुरक्षा कैम्प नक्सली कमांडरों के गांवों में भी हैं। नक्सली कमांडर हिडमा का गांव पूवर्ती भी इसमें शामिल है।
योजना के तहत नक्सलियों के गढ़ में घुसकर ऑपरेशन किए जा रहे हैं। नक्सलियों को पीछे धकेलकर वहां सुरक्षा कैम्प बनाये जा रहे हैं। इसके बाद आसपास के इलाकों में केंद्र और राज्य की योजनाओं को पहुंचाया जा रहा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गृहमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सरकार की कोई भी कल्याणकारी योजना ऐसी नहीं होनी चाहिए जिसकी पहुंच नक्सल प्रभावित इलाकों तक न हो। साझा अभियान बेहद सफल हो रहा अधिकारियों ने बताया कि डीआरजी, बस्तरिया बटालियन, एसटीएफ, कोबरा, बस्तर फाइटर के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों का साझा अभियान बेहद सफल हो रहा है। सुरक्षा बल से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बस्तर रीजन में इस साल मारे गए 287 नक्सलियों में से छह नक्सल स्पेशल जोनल कमेटी के कमांडर थे। इन पर करीब 1 करोड़ 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसी तरह डिवीजन कमेटी में शामिल 16 नक्सली इसी साल ढेर किए गए। इन पर कुल 1 करोड़ 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा एरिया कमेटी के कुल 32 नक्सली मारे गए जिन पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अधिकारियों में बताया कि 9 करोड़ 77 लाख रुपए के इनामी नक्सलियों को दिसंबर मध्य तक मार गिराया गया। मारे गए नक्सलियों में से 64 महिलाएं और 153 पुरुष थे।
करीब 8 करोड़ के इनामी नक्सली जंगलों में
हालांकि यह लक्ष्य पाने के लिए अभी कई नक्सली कमांडरों को ढेर करना होगा या उन्हें हथियार छोड़ने के लिए राजी करना होगा। करीब आठ करोड़ के इनामी नक्सली बस्तर के जंगलों में अभी भी मौजूद बताए जा रहे हैं। अधिकारी मानते हैं कि स्थिति काफी बदल गई है और अब सुरक्षा बलों का प्रभाव है।
जवानों की शहादत में भी कमी आई
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल के जवानों की शहादत में अब करीब 73 फीसद की कमी आई है। इसे अगले साल तक ‘जीरो’ करने की कोशिश है। इसके अलावा हिंसा में भी करीब 70 फीसदी की कमी आई है। कुछ इलाकों में हिंसा को अगले साल तक जीरो करने का लक्ष्य है और मार्च 2026 तक पूरा इलाका नक्सल फ्री हो जाएगा।