ब्लिट्ज ब्यूरो
तियानजिन। सात साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा, चीनी सरकारी मीडिया में सुर्खियों में रही। लगभग हर सरकारी मीडिया संस्थान ने यात्रा को व्यापक कवरेज दी। कई चीनी पत्रकारों ने भी मोदी की यात्रा को सराहा है।
चीन के प्रमुख सरकारी मीडिया संस्थान ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन और भारत सहयोगी साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं। एक लेख में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक के बारे में की गई टिप्पणियों की बात की गई है। इसके अलावा, ग्लोबल टाइम्स के अनुसार शी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे संबंधों वाले पड़ोसी और एक दूसरे की सफलता में मदद करने वाले साझेदार बनना चाहिए। चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने बताया कि शी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। एक अन्य चीनी समाचार आउटलेट ने शी की उन टिप्पणियों पर लिखा है जिनमें उन्होंने भारत और चीन को वैश्विक दक्षिण के दो स्तंभ बताया था।
वैश्विक मीडिया की प्रतिक्रिया
सीएनएन : मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन, दोनों ही अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हैं। राष्ट्रपति शी ने मोदी से कहा कि आगे बढ़ने सबसे अच्छा तरीका यही है कि दोनों देश अच्छे दोस्त और साझेदार बनें।
बीबीसी : बीबीसी ने आर्थिक पहलू पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ भारत के निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं।
बीजिंग के वुसावा एडवाइजरी के कियान लियू ने सुझाव दिया कि वैश्विक ध्यान भारत-चीन सहयोग पर केंद्रित होना चाहिए।
अल-जजीरा : जनसंख्या के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े क्षेत्रीय समूह, एससीओ ने अपना ध्यान मध्य एशिया से बढ़ाकर वैश्विक मामलों पर केंद्रित कर लिया है। सम्मेलन में पुतिन, लुकाशेंको और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नेता शामिल हुए।