संजय द्विवेदी
लखनऊ। प्रदेश में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद अब यमुना विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में कोरियन और जापानी सिटी बसाने का फैसला लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत दो नए औद्योगिक सेक्टर विकसित होंगे। इनमें से एक सेक्टर ए का क्षेत्रफल 365 हेक्टेयर का होगा तो वहीं दूसरे सेक्टर 5 ए का क्षेत्रफल 395 हेक्टेयर होगा। यह फैसला विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से यमुना सिटी का औद्योगिक विकास तेजी से हो सकेगा।
इन सेक्टरों में बनाए जाएंगे कोरियाई और जापानी शहर
ग्रेटर नोएडा में कोरियन सिटी सेक्टर 4 ए में बनाई जाएगी। यहां इंडस्ट्री के साथ-साथ आवासीय इंडस्ट्री, ओलंपिक पार्क और कमर्शियल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह कोरियन सिटी व्यापार और व्यापारियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी जिसमें उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी. वहीं यमुना सिटी के सेक्टर 5 ए में जापानी सिटी का निर्माण होगा। इस सिटी में सभी आधुनिक सुविधाएं विकसित करने योजना है ताकि निवेशकों को बेहतर वातावरण मिल सके।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेंगे दोनों शहर
जापानी और कोरियन सिटी का विकास यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास होगा। इस वजह से यह क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा। इसके माध्यम से करोड़ों का पूंजी निवेश आकर्षित किया जाना आसान होगा। विदेशी पूंजी निवेश की मदद से देश और विदेश में आर्थिक प्रगति होगी जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे। पढ़े-लिखे से लेकर अनपढ़ों तक को भी यहां रोजगार के अवसर आसानी मिल सकेंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला
इस परियोजना की वजह से जापान और कोरिया के दर्जनों व्यापारी अपना व्यापार लगाने की तैयारी ग्रेटर नोएडा में कर रहे हैं। इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ाने को लेकर यह फैसला किया गया।
इससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। कोरियन और जापानी सिटी की स्थापना से न केवल निवेशकों को फायदा होगा बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।