ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। नियुक्ति में विज्ञान संकाय में योग्य शिक्षक कम मिल रहे हैं। खासकर भौतिकी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर रिक्त सीट से भी कम मिले हैं। वहीं स्कूली शिक्षा में भी खासकर उच्च माध्यमिक में सबसे कम शिक्षक भौतिकी में ही मिले हैं। भौतिकी विषय में असिस्टेंट प्रोफेसरों की तीन सौ रिक्तियों में 215 ही योग्य शिक्षक मिले। इसमें करीब 40 प्रतिशत दूसरे राज्यों के हैं।
तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में 1961 में सिर्फ 441 भौतिकी विषय के शिक्षक ही सफल हो सके। शेष सीटें 1520 सीटें बची रह गईं ं। इसी तरह से रसायन शास्त्र विषय में 332 रिक्तियों के विरुद्ध 269 असिस्टेंट प्रोफेसरों की ही नियुक्ति हो सकी। वहीं गणित विषय में भी रिक्तियों से कम नियुक्ति हुई है। इसमें 53 सीटें खाली रह गई हैं। इस विषय में 261 रिक्तियां थीं, जिसमें 208 पर नियुक्ति हुई।
मनोविज्ञान में थीं सबसे अधिक सीटें
वहीं मनोविज्ञान में सबसे अधिक 424 सीटें थीं। इसमें सबसे अधिक बहाली होने के बाद भी 59 सीटें बची रह गईं। इसके अलावा व्याकरण विषय में 36 में 15 की नियुक्ति हुई, शेष 21 सीटें पर योग्य शिक्षक नहीं मिल सके। ज्योतिष शास्त्र में 17 में छह असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो सकी। बांग्ला में 28 में 17 की नियुक्ति हो सकी। कर्मकांड में पांच में तीन की नियुक्ति हुई। इसके अलावा अन्य विषयों में किसी में एक तो किसी दो से चार सीटें बची हैं।
– भौतिकी में तीन सौ रिक्तियों में 215 पद ही भरे
– मनोविज्ञान में 59 पद रह गए हैं खाली
– उर्दू विषय में 100 रिक्तियों के विरुद्ध 71 नियुक्ति हुई
– रसायन में 332 रिक्तियों के विरुद्ध 269 की हुई नियुक्त
2707 पदों के लिए हो चुका साक्षात्कार
अबतक 2707 पदों के लिए साक्षात्कार हुआ है। इसमें 2315 की नियुक्ति हो चुकी है। शेष 39 विषयों में 392 रिक्तियां बच गई हैं। वहीं शेष 13 विषयों का साक्षात्कार होना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि सभी विषयों के साक्षात्कार होने के बाद भी सौ से अधिक सीटें बची रह जाएंगी जिसे आगे की रिक्तियों में डाला जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग रोस्टर जारी किया जाएगा।