ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। राज्यसभा ने तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में ऐतिहासिक संशोधनों को पारित कर दिया, ताकि व्यापार को आसान बनाया जा सके और भारत के तेजी से बढ़ते ऊर्जा क्षेत्र के विकास को गति दी जा सके।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा, प्रस्तावित युगांतकारी संशोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के ऊर्जा क्षेत्र को और मजबूत करेंगे और नीतिगत स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता, विस्तारित पट्टे अवधि आदि सुनिश्चित करेंगे।
– पुरी ने ऐतिहासिक कदम की सराहना की
– खान या उत्खनन जैसे शब्दों को अलग करने से अस्पष्टता होगी दूर
चूंकि पेट्रोलियम (कच्चा तेल/प्राकृतिक गैस) भूमिगत चट्टानों के छिद्रों में पाया जाता है और ड्रिलिंग द्वारा निकाला जाता है, इसलिए वर्तमान अधिनियम में उल्लिखित ‘खान’ या ‘उत्खनन’ जैसे शब्दों को अलग करने से अस्पष्टता दूर होगी और इस क्षेत्र में व्यवसाय करने में आसानी होगी जो अधिक तकनीकी रूप से संचालित है, पुरी ने कहा।
‘खनिज तेल’ शब्द को पारंपरिक रूप से प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम के रूप में समझा जाता है।
मंत्री ने कहा कि चूंकि अपारंपरिक हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और विकास हो चुका है, इसलिए इस शब्द की आधुनिक समझ को प्रतिबिंबित करने के लिए परिभाषा को अद्यतन करने की आवश्यकता है।
खनन पट्टे की परिभाषा में संशोधन किया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन अधिनियम के लागू होने से पहले दिए गए पट्टे खनन पट्टे कहलाएंगे। इसके बाद, उक्त शब्दावली का प्रयोग बंद कर दिया जाएगा और खंड (एफ) में परिभाषित पेट्रोलियम पट्टा शब्द का प्रयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य क्षेत्र के समग्र विकास के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना, जिसमें उचित जलाशय प्रबंधन प्रथाओं की योजना बनाना और साथ ही पूंजी-गहन संवर्धित पुनर्प्राप्ति विधियों को शामिल करने का विश्वास शामिल है। यह प्रावधान सरकार को पर्यावरण की रक्षा और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देने तथा ऊर्जा संक्रमण उपायों को अपनाने के लिए नियम बनाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है, ताकि सरकार और कंपनियां अपने जलवायु दृष्टिकोण को प्राप्त कर सकें।
पुरी ने यह भी बताया कि छोटे ऑपरेटरों और नए प्रवेशकों को अक्सर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की उच्च लागत के कारण परिचालन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, यह प्रावधान सरकार को दो या अधिक पट्टेदारों द्वारा उत्पादन और प्रसंस्करण सुविधाओं तथा अन्य बुनियादी ढांचे को साझा करने के लिए नियम बनाने में सक्षम बनाता है। प्रस्तावित संशोधन दंड लगाने के साथ-साथ उससे उत्पन्न होने वाली अपीलों से निपटने के लिए न्याय निर्णयन प्राधिकरण, तंत्र और अपील के गठन के लिए एक उचित तंत्र प्रदान करते हैं।