ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट 0.5% घटाकर 5.5% करने का एलान किया है। इससे होम और ऑटो लोन समेत सभी तरह का कर्ज सस्ता होगा। रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर बैंक आरबीआई से पैसे लेकर ग्राहकों को कर्ज देते हैं। इससे पहले 27 मार्च 2020 को आरबीआई ने एकसाथ 0.5% की कटौती की थी यानी यह पिछले 5 साल की सबसे बड़ी राहत है। फरवरी 25 के बाद तीन मौद्रिक नीतियों में आरबीआई 1% कटौती कर चुका है। इससे पहले कोविड के दौरान लॉकडाउन में केंद्र ने मार्च से मई के बीच 3 माह में 1.15% की कटौती की थीं।
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में भी 1% की कटौती कर इसे 4% से 3% कर दिया है। यह कटौती सितंबर से चार चरणों में 0.25% की होगी। अनुमान है कि इससे नवंबर 25 तक बैंकिंग तंत्र में 2.5 लाख करोड़ रुपए की पूंजी आएगी। इससे बैंक बड़े कॉरपोरेट को कर्ज दे पाएंगे। अप्रैल में महंगाई की दर घटकर 3.16% रह गई थीं जो मार्च में 3.34% थीं। इससे आरबीआई को ज्यादा ब्याज दरें घटाने का बल मिला। केंद्रीय बैंक ने 2026 के लिए देश की जीडीपी की दर को 6.5% रखने का अनुमान पेश किया है।
रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिलने पर
20 साल की अवधि वाले 50 लाख रु. तक के होम लोन की ईएमआई 2 हजार रु. तक कम हो सकती है। बशर्ते बैंक ग्राहक को इसका पूरा लाभ पहुंचाएं। इसी आधार पर चार माह में तीन रेपो रेट कट से ईएमआई
4 हजार रु. तक घटनी चाहिए। यानी 44,986 रुपए की ईएमआई घटकर 40,986 रह जानी चाहिए। प्रति लाख रु. की ईएमआई पर यह कमी 80 रु. होनी थी लेकिन अब तक केवल 20 रु. ही घटी। वहीं, देश में औसत होम लोन की राशि 25 लाख रुपए है।
अब आगे क्या उम्मीद?
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, आगे की मौद्रिक नीति से जुड़े फैसले देश की आर्थिक विकास दर और महंगाई के आंकड़ों पर आधारित होंगे। अगर 2025-26 में आरबीआई का 6.5% रियल जीडीपी ग्रोथ (महंगाई को एडजस्ट करने के बाद) और 3.7% महंगाई दर का अनुमान सही बैठता है, तो ब्याज दरों में कटौती की बहुत कम गुंजाइश बचेगी।
इन सेक्टरों में रेपो रेट घटने से सबसे ज्यादा लाभ के आसार
1. रियल एस्टेट ः होम लोन सस्ते होंगे। हाउसिंग की डिमांड बढ़ेगी। खासतौर पर मध्यम आय और अफोर्डेबल हाउसिंग में। सस्ता कर्ज मिलने से सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे। हालांकि ये इस पर निर्भर है कि बैंक कितनी जल्दी दरें घटाएंगे।
2. बैंकिंग ः कर्ज के लिए फंड जुटाने की लागत में कमी आएगी। वे ग्राहकों को सस्ती दरों पर कर्ज दे पाएंगे। बैंकों की नेट इंट्रेस्ट मार्जिन (एनआईएम) से होने वाली आय बढ़ेगी। सीआरआर घटने से वे ज्यादा कर्ज दे पाएंगे।
3. ऑटो सेक्टर ः ऑटो लोन सस्ता होने से बाजार में कार की मांग बढ़ेगी। 1% ऑटो लोन सस्ता होने से 10 लाख रु. तक के ऑटो लोन की ईएमआई सीधे 600 रु. घटेगी। कंपनियां त्योहारी सीजन से पहले अपना उत्पादन बढ़ाएंगी।
4. एफएमसीजी ः ईएमआई घटने से आम आदमी की खर्च योग्य आय बढ़ेगी। इससे वह टूथपेस्ट, स्नैक्स, शीतल पेय पर खर्च बढ़ाएगा। यानी मांग बढ़ेगी। हिंदुस्तान यूनीलिवर, नेस्ले, ब्रिटेनिया और डाबर जैसी कंपनियों को लाभ होगा।
पीएनबी ने ब्याज दरें 0.5% घटाईं, होम लोन 7.4% पर
पीएनबी ने रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दरें 0.5% घटा दीं। नई दरें 9 जून से लागू हो गईं ं। होम लोन 7.45% व वाहन लोन 7.8% से शुरू होगा। यूको बैंक ने भी 0.1% कटौती की, जो 10 जून से लागू हुई।





























