ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के अधिकारियों पर संपत्तियां गिराने में उसके फैसले के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया। जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाए। जस्टिस गवई ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? हम यहां हर चीज की निगरानी नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए दावा किया कि उन्होंने 13 नवंबर, 2024 के फैसले में शीर्ष अदालत के मामला 2 निर्देशों का उल्लंघन किया है। पीठ ने जब याचिकाकर्ता के वकील से मंजूरी योजना दिखाने को कहा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें निर्देश लेने होंगे।
पीठ ने कहा, अगर आपके पास मंजूरी योजना होती तो हम सोच सकते थे लेकिन अभी हम मौजूदा याचिका पर विचार नहीं करना चाहते। अगर याचिकाकर्ता असंतुष्ट है, तो वह अधिकार क्षेत्र वाले हाईकोर्ट का रुख करे। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल की संपत्ति से कुछ किलोमीटर दूर हो रही संपत्तियों को ध्वस्त करने के मामले में दायर याचिकाओं में हाईकोर्ट ने माना था कि ये ढांचे पूरी तरह से अवैध हैं। याचिकाकर्ता संबंधित भूमि का मालिक है और उसने वहां टिन शेड लगाया हुआ है। वकील ने आरोप लगाया कि प्राधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ता को केवल एक दिन का नोटिस दिया गया था।