ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जीएसटी दरों में हुई कटौती का असर अब बाजार में दिखना शुरू हो गया है। कई कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम घटा दिए हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर कंपनियां पूरी तरह से ग्राहकों तक फायदा पहुंचाएंगी, तो अगले एक साल में महंगाई लगभग एक प्रतिशत तक कम हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कपड़े जूते तथा चप्पल, गाड़ियां, दवाइयां, प्रोसेस्ड फूड, रोजमर्रा का सामान, टू-व्हीलर और सीमेंट जैसे सेक्टरों में दाम घटने की संभावना सबसे ज्यादा है। ऑटो कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, टीवीएस, महिंद्रा, टाटा मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प पहले ही गाड़ियों के दाम कम करने का एलान कर चुकी हैं। वहीं, अमूल, मदर डेयरी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी जैसी कंपनियां भी दूध, साबुन, शैंपू और कुछ खाने-पीने की चीजें सस्ती करने की घोषणा कर चुकी हैं।
हालांकि, अलग-अलग उपभोक्ता समूहों पर इसका असर उनकी खपत की आदतों पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, कपड़े-फुटवियर और परिवहन-टेलीकॉम सेक्टर में सबसे ज्यादा राहत मिल सकती है। कपड़ों और जूतों पर औसतन कर 6.2% तक आ जाएगा और गाड़ियों समेत ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर यह 8.8% तक होगा।
पंजीकरण आसान होगा
नई पीढ़ी के सुधार के तहत जीएसटी 2.0 के तहत फर्म के पंजीकरण और रिफंड की प्रक्रिया को आसान किया गया है। एक नवंबर से एक स्वचालित प्रक्रिया के तहत तीन दिन में 95 फीसदी मामलों में जीएसटी पंजीकरण जारी कर दिया जाएगा। वहीं, कारोबारियों को अब इनकम टैक्स रिफंड की तरह 7 दिनों के भीतर जीएसटी रिफंड मिलेगा बशर्ते कोई धोखाधड़ी न की गई हो।
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट बताती है कि कुछ कंपनियां सीधे दाम घटाने के बजाय छूट कम कर रही हैं या पैकिंग का वजन बढ़ाकर फायदा दिखा रही हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं तक पूरा लाभ पहुंचना अभी अनिश्चित है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, अगर पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचा तो 12 महीनों में खुदरा महंगाई एक प्रतिशत तक घट सकती है।