ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। गर्भावस्था की अंतिम तिमाही या बचपन के शुरुआती दिनों को मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों में आटिज्म का खतरा काफी बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने पहले प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा की और पाया कि सामान्य वायु प्रदूषक, जिनमें महीन कण पदार्थ (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन आक्साइड शामिल हैं, जटिल जैविक प्रक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं जो मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार यह जानकारी सामने आई है।
इस बारे में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा अध्ययन किया गया। इस अध्ययन को एनवायरनमेंटल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में अध्ययन प्रकाशित किया गया। इसमें पाया गया कि बचपन के शुरुआती दिनों में प्रति क्यूबिक मीटर हवा में 10 माइक्रोग्राम पीएम 2.5 के संपर्क में आने से आटिज्म का खतरा 64 प्रतिशत बढ़ जाता है। जन्म से पहले की अवधि में खासकर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान इसी संपर्क में आने से खतरा 31 प्रतिशत बढ़ जाता है। यरूशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के हैथम अमल और ब्रेन मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के वरिष्ठ लेखक ने कहा, आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर सहित विभिन्न प्रकार के न्यूरोलाजिकल विकार इस पर्यावरणीय कारक से जुड़े हो सकते हैं। अमल ने कहा, प्रसवपूर्व विकास और बचपन के शुरुआती दिनों में जब महत्वपूर्ण न्यूरो डेवलपमेंटल प्रक्रियाएं होती हैं, तब जोखिम का समय महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। अमल के अनुसार, अध्ययन ने यह भी सुझाव दिया कि आटिज्म के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति वायु प्रदूषण के खतरे के हानिकारक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने प्रमुख जैविक मार्गों की पहचान की, जिसके माध्यम से वायु प्रदूषण आटिज्म विकसित होने के खतरे को प्रभावित कर सकता है, जिसमें नाइट्रिक आक्साइड के संपर्क में आने से होने वाला नाइट्रोसेटिव तनाव शामिल है। अध्ययन के अनुसार, ऐसे अन्य जैविक मार्गों में मस्तिष्क में सूजन, आक्सीडेटिव तनाव और अंतःस्रावी (हार्मोन) प्रणाली में हस्तक्षेप शामिल है। टीम ने यह भी पाया कि छोटे कण, विशेष रूप से पीएम 2.5 और नाइट्रिक आक्साइड उत्पाद प्लेसेंटा को पार कर सकते हैं और भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जो विशेष चिंता का विषय था। लेखकों ने कहा कि इस खोज ने अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक उपायों के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं।
क्या है आटिज्मः आटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल डिसआर्डर है, जिसमें बच्चा दोहराव वाला व्यवहार करता है और सामाजिक कौशल प्रभावित होता है। इसके शुरुआती लक्षण जैसे कि गैर मौखिक संचार में कठिनाई और आंख के संपर्क से बचना एक से दो साल की उम्र में ही दिखाई देती है। इसमें बच्चा या ठीक प्रकार से अपनी बात को दूसरों के सामने रखने और खुद को एक्सप्रेस करने की क्षमता खो देता है। इस बीमारी में दूसरे के व्यवहार और अभिव्यक्ति को समझने की क्षमता कम हो जाती है। इससे पीड़ित लोगों में सामान्य रूप से व्यवहार करने में समस्या होती है।