ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में महिला उद्यमियों ने अपना लोहा मनवाया है। तमाम इंडस्ट्रीज में उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई है। महिलाओं की अगुआई वाले स्टार्टअप्स में बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते देश के कारोबारी परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। निधि यादव की सफलता उद्यमिता की दुनिया में ऐसी ही एक प्रेरणा देने वाली कहानी है। उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग के सफल करियर को पीछे छोड़ अलग रास्ता चुना। फैशन इंडस्ट्री की मनमोहक दुनिया में कदम बढ़ाए। बेशक, शुरुआत छोटी थी। लेकिन, धीरे-धीरे निधि ने इसी से 200 करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर दिया।
कभी एमएनसी में करती थीं नौकरी
निधि कभी मल्टीनेशनल कंपनी डेलॉइट में काम करती थीं। वह हमेशा से फैशन की दुनिया में एंट्री करना चाहती थीं। इस सेगमेंट में अनुभव हासिल करने के लिए उन्होंने फ्लोरेंस के पोलिमोडा फैशन स्कूल में एक साल का कोर्स भी किया था। उन्हें इटली में नौकरी मिली लेकिन, निधि ने परिवार के साथ रहने के लिए भारत लौटने का फैसला किया।
शुरू की कंपनी
2014 में निधि ने एकेएस नाम की कंपनी की शुरुआत की। शुरुआत सिर्फ 3.5 लाख रुपये के निवेश से हुई थी। कंपनी का लक्ष्य 18 से 35 साल की आयु की महिलाओं को किफायती कीमतों पर एथनिक परिधान मुहैया कराना था। हालांकि, इसमें तुरंत सफलता नहीं मिली। इसे जमने में कुछ समय लगा। कंपनी ने पांच साल बाद बड़ी उपलब्धि हासिल की। वित्तीय वर्ष 2019-2020 में उसने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट किया।
2 बीएचके फ्लैट से की थी शुरुआत
निधि ने गुरुग्राम में अपने 2बीएचके घर से एकेएस की शुरुआत की थी। एकमात्र आइडिया फ्यूजन थीम के साथ एथनिक फैशन मार्केट को जीवंत बनाना था। मंशा नई पीढ़ी की महिलाओं की रोजमर्रा की जरूरत के हिसाब से फैशन वीयर उपलब्ध करना था।
अच्छे रेस्पॉन्स ने दिया कॉन्फिडेंस
वैसे 2014 में कंपनी की नींव पड़ने के बाद से ही बिजनेस ने ठीकठाक शुरुआत की थी। इसके अगले साल कंपनी का रेवेन्यू 8.50 करोड़ रुपये हो गया था। 2018 में कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 48 करोड़ रुपये पहुंच गया था। 2021 के अंत तक एकेएस ने 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया था। यह भी बिना किसी बाहरी फाइनेसिंग के।