ब्लिट्ज ब्यूरो
भोपाल। मध्य प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सैटेलाइट आधारित खनन निगरानी प्रणाली विकसित की है, जिसके तहत प्रदेश की समस्त खदानों को जियो टैग किया गया है। प्रमुख सचिव, खनिज उमाकांत उमराव ने सभी जिला कलेक्टरों को इस प्रणाली को तत्परता से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
पोर्टल को विकसित कर रखी जाएगी नजर
सैटेलाइट से नजर रखने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है और अवैध उत्खनन पाए जाने पर परिवहन एवं भंडारण नियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी को अलर्ट की जानकारी एसएमएस द्वारा प्रत्येक माह पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी और खनिज अधिकारी मोबाइल एप के माध्यम से फील्ड वेरिफिकेशन करेंगे। मध्य प्रदेश में खनिजों के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए प्रशासन अब तकनीक का उपयोग कर रहा है।
कलेक्टरों को जारी किए निर्देश
इसके क्रियान्वयन को लेकर प्रमुख सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वीसी के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रदेश की समस्त खदानों को जियो टैग किया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव, खनिज उमाकांत उमराव की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टरों को सैटेलाइट आधारित खनन निगरानी प्रणाली का जिले में तत्परता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। साथ ही अवैध उत्खनन पाए जाने पर परिवहन एवं भंडारण नियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
अवैध उत्खनन पर जारी करेगा अलर्ट
बता दें कि इस पोर्टल से सैटेलाइट के माध्यम से अवैध उत्खनन की पहचान कर अलर्ट जारी किया जाएगा। जिसे पोर्टल पर जिला कलेक्टर एवं जिला खनिज अधिकारी द्वारा लॉग-इन कर देखा जा सकेगा। जिला कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी को अलर्ट की जानकारी एसएमएस द्वारा प्रत्येक माह पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी। जिले के अंतर्गत जारी किए गए अलर्ट मैप पर चिह्नित रहेंगे, जिनका अन्य स्थापित खदानों, जियोलॉजिकल लेयर एवं खसरे की जानकारी के आधार पर परीक्षण किया जा सकेगा।
मोबाइल एप से वैरीफाई होगा अलर्ट
जारी किए गए अलर्ट को खनिज अधिकारी द्वारा फील्ड वेरिफिकेशन कर मोबाइल एप के माध्यम से वेरीफाई किया जाएगा। फील्ड वेरिफिकेशन के बाद अवैध उत्खनन पाए जाने पर अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण नियम-2022 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। पोर्टल के संबंध में वीसी के माध्यम से समस्त जिला कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।































