ब्लिट्ज ब्यूरो
प्रयागराज। वैज्ञानिकों ने शैवाल से बायो डीजल तैयार किया है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) वैज्ञानिकों ने बायो डीजल बनाने के लिए आयोनिक लिक्विड आधारित फोटोकैटलिस्ट तकनीक विकसित की। तकनीक से लैब में शैवाल और वेस्ट ऑयल (तलने या इस्तेमाल के बाद बचे तेल) से बायो डीजल बनाया है। इसे भारत सरकार ने 20 साल के लिए पेटेंट प्रदान किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. सुशील कुमार और डॉ. दीपेश एस पटले को एक प्रोजेक्ट प्रदान किया था। इसे तीन साल में बनाया गया है। पहले चरण में आयोनिक लिक्विड उत्प्रेरक के साथ उन्नत अल्ट्रासोनिक रिएक्टर उपयोग किया।
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
वैज्ञानिक के मुताबिक, माइक्रोवेव, अल्ट्रासाउंड और प्रकाश का उपयोग करके प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। फोटोकैटलिस्ट का उपयोग हरित उत्पादन को बढ़ावा देता है। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल उत्प्रेरक के तौर पर किया गया।
बन सकता है विकल्प
शैवाल से तैयार बायोडीजल को डीजल के एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। यह जैव ईंन्धन बायोडीजल उत्पादन में अहम योगदान कर सकता है। साथ ही, विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के अपशिष्ट भी उपयोग हो सकेंगे।