ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में छात्राओं के बीच नर्स की पढ़ाई काफी ज्यादा पॉपुलर है। भारत में नर्स बनने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट होना अनिवार्य होता है। देश में कई सारे संस्थान हैं, जहां बीएसएसी नर्सिंग से लेकर नर्सिंग में डिप्लोमा तक की डिग्रियां दी जाती हैं। हालांकि, इन दिनों मेडिकल की पढ़ाई बाहर करने का भी कल्चर शुरू हो चुका है। ऐसा कई वजहों से किया जाता है, जिसमें सैलरी प्रमुख रहती है।
अमेरिका भी बेस्ट डेस्टिनेशन
भारत के ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन, रूस, जॉर्जिया जैसे देशों में जाते हैं। मगर अमेरिका भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। यहां पर पढ़ाई पूरी करने के बाद लाखों की सैलरी भी मिलती है। ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ डॉक्टरों की सैलरी ही लाखों में होती है, बल्कि नर्स भी यहां पर मोटी कमाई करती हैं। भारतीय छात्र भी अमेरिका में जाकर नर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।
अमेरिका में भारतीय नर्स की पढ़ाई कैसे कर सकते हैं?
भारत में जहां नर्स के कोर्स में एडमिशन के लिए 10+2 में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट की पढ़ाई जरूरी होती है। ऐसे ही अमेरिका में भी नर्स की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स का स्कूल में मैथ्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ना अनिवार्य है।
नर्सिंग कोर्स में एडमिशन
नर्स की पढ़ाई के लिए अमेरिका में तीन तरह के कोर्सेज हैं। इसमें पहला ‘एसोसिएट डिग्री इन नर्सिंग (एडीएन)’ , दूसरा ‘बैचलर्स ऑफ साइंस इन नर्सिंग (बीएसएन)’ और तीसरा नर्सिंग में डिप्लोमा है। यहां हम सिर्फ एडीएन और बीएसएन की बात करेंगे। नर्सिंग के काम में जल्द एंट्री करने वालों के लिए एडीएन परफेक्ट कोर्स है। दो साल की पढ़ाई पर ही छात्र को एडीएन डिग्री मिल जाती है। एडीएन ग्रेजुएट्स एनसीएलईएक्स-आरएन टेस्ट के लिए भी एलिजिबिल होते हैं। मगर बैचलर्स डिग्री के अपने ही फायदे होते हैं।
बीएसएन की पढ़ाई करने वाले छात्रों को चार साल तक अडवांस थ्योरेटिकल और क्लिनिकल ट्रेनिंग दी जाती है। बीएसएन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसकी पढ़ाई करने वाले छात्र क्लिनिकल और मैनेजेरियल, दोनों तरह के रोल में काम कर सकते हैं। बीएसएन ग्रेजुएट्स की सैलरी एडीएनपढ़ने वाले छात्रों के मुकाबले ज्यादा भी होती है।
नर्सिंग लाइसेंसिंग एग्जाम
नर्स की पढ़ाई पूरी होने के बाद स्टूडेंट्स को नर्सिंग लाइसेंसिंग एग्जाम देना होता है। उन्हें ‘नेशनल काउंसिल लाइंसेस एग्जामिनेशन’ (एनसीएलईएक्स) में रजिस्टर कराना होता है। नर्सिंग रेगुलेटरी बॉडी (एनआरबी) एग्जाम देने के लिए एलिजिबिलिटी तय करती है। एक बार जब एनआरबी स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए एलिजिबिल घोषित कर देती है, तो उन्हें ‘ऑथराइजेशन टू टेस्ट’ (एटीटी) का ईमेल मिलेगा। एटीटी आमतौर पर 90 दिनों के लिए वैलिड होता है। इस बीच में स्टूडेंट्स को एनसीएलईएक्स टेस्ट देकर अपना लाइसेंस हासिल कर लेना चाहिए।
स्टेट लाइसेंस हासिल करना: एनसीएलईएक्स टेस्ट पास करने के बाद स्टूडेंट्स को उस राज्य में नर्सिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा, जहां वे काम करना चाहते हैं। हर राज्य का अपना नर्सिंग बोर्ड है और स्टूडेंट्स को उसके एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया को पूरा करना होगा। जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ राज्य नर्सिंग बोर्ड को अपना आवेदन दें। डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई करने के बाद जब बोर्ड चेक कर लेगा कि आपको लाइसेंस दिया जा सकता है, तो वह आपको नर्सिंग का लाइसेंस जारी कर देगा। इसके बाद नौकरी ढूंढे और वहां अप्लाई करें।
अमेरिका में नर्स की सैलरी कितनी होती है?
ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, अमेरिका में एक नर्स की औसतन सालाना सैलरी 86,070 डॉलर (लगभग 72 लाख रुपये) होती है। अमेरिका में नर्स की न्यूनतम सलाना सैलरी भी 63,720 डॉलर (53 लाख रुपये) है। अगर अधिकतम सैलरी की बात करें तो वह 1,32,680 डॉलर (1.11 करोड़ रुपये) है।































