ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय सेना के तीनों अंगों में 60 से 70 फीसदी सैन्य उपकरण रूसी हैं। भारतीय वायुसेना की मौजूदा फाइटर फ्लीट में सबसे ज्यादा सुखोई 30 एयरक्राफ्ट हैं। अब जल्द ही इन एयरक्राफ्ट का कायाकल्प होने वाला है, ताकत और बढ़ने वाली है। भारतीय सुखोई के अग्रेडेशन का काम जल्द शुरू हो सकता है। खास बात यह है कि अपग्रेडेशन में सुखोई 30 में सुखोई 57 का इंजन फिट हो सकता है। रूसी एयरक्राफ्ट निर्माता यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने भारत को इंजन देने का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक ने भारत नए इंजन के विकल्प का मूल्यांकन कर रहा है।
नया इंजन नई ताकत
भारत ने 1990 के दशक में रूस के साथ 272 सुखोई-30 फाइटर जेट का सौदा किया था जिनमें से कुछ फ्लाइवे कंडीशन में भारत आए थे। बाकी का उत्पादन लाइसेंस के तहत भारत में एचएएल कर रही है। फिलहाल एएल-31 इंजन एसयू-30 एमकेआई में फिट है। रूस ने जो भारत को ऑफर दिया है वह एसयू-57 से में लगे एएल-41 इंजन का है। यह पहले से ज्यादा ताकतवर है। एएल-31 में थ्रस्ट 12.5 टन का है तो एएल-41 में यह 15 टन फोर्स है। नए इंजन में ईंन्धन की खपत पहले वाले से कम है। खास बात तो यह है कि एएल-41 इंजन को अगर सुखोई 30 में फिट किया जाता है तो उसके डिजाइन में किसी भी तरह का बदलाव करने की भी जरूरत नहीं होगी।
ब्रैंड न्यू हो जाएगा एसयू-30
समय और चुनौतियों के मद्देनजर एयरक्राफ्ट में बदलाव जरूरी है. सुखोई-30एमकेआई के अपग्रेडेशन में कई उपकरणों को बदलने की तैयारी है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें स्वदेशी एवियोनिक्स, रडार और मिशन कंप्यूटरों को फिट किया जाना है।
डीआरडीओ के विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन ्ड एरे (एईएसए) रडार एयरक्राफ्ट को और ताकत देगा। कॉकपिट को पूरी तरह से डिजिटल ग्लास कॉकपिट में तबदील किया जाना है। इसमें बड़े टच स्क्रीन होंगे जो पायलट की क्षमताओं को और बढ़ाएगी। साथ ही नया मिशन कंप्यूटर भी अपग्रेडेशन में लगाया जाएगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीएमडी डीके सुनील ने भी साफ किया है कि सुखोई अपग्रेडेशन के लिए एग्रिमेंट आने वाले महीनों में साइन किए जाने की उम्मीद है।
सुखोई-30 सबसे घातक
भारतीय वायुसेना में इस समय सबसे ज्यादा तादाद सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की ही है। दो सीटों और दो इंजन वाला यह जेट 2 मैक की रफ्तार तक उड़ सकता है। एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें हथियारों के लिए 12 हार्ड प्वाइंट है। यह कुल 8000 किलो वजन के हथियार ले जा सकता है। यह मल्टी रोल है इसलिए इसमें हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं। इसे ब्रह्मोस मिसाइलों से भी लैस किया गया है।