मनोज जैन
नई दिल्ली। अगर आप इनकम टैक्सपेयर हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को आगाह किया कि रिटर्न में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेशों में अर्जित आय का खुलासा करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कालाधन विरोधी कानून के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
आयकर विभाग ने हाल ही में शुरू किए गए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के तहत एक एडवाइजरी जारी की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टैक्सपेयर्स आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में ऐसी जानकारी दर्ज करें। एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि पिछले वर्ष में भारत के निवासी के लिए विदेशी एसेट में बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, अभिरक्षक खाता, इक्विटी और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकारी वाले खाते, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत परिसंपत्ति आदि की जानकारी अवश्य दें।
अनुसूची को भरना है अनिवार्य
विभाग ने कहा कि इस मानदंड के अंतर्गत आने वाले टैक्सपेयर्स को अपने आईटीआर में विदेशी परिसंपत्ति (एफए) या विदेशी स्रोत से आय (एफएसआई) अनुसूची को अनिवार्य रूप से भरना होगा, भले ही उनकी आय कर योग्य सीमा से कम हो या विदेश में संपत्ति सही स्रोतों से अर्जित की गई हो। एडवाइजरी के अनुसार- आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय व संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
मैसेज भेजेगा टैक्स डिपार्टमेंट
टैक्स डिपार्टमेंट के लिए प्रशासनिक निकाय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा था कि अभियान के तहत वह उन निवासी करदाताओं को मैसेज और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने पहले ही आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है। यह मैसेज ऐसे व्यक्तियों को भेजा जाएगा, जिनकी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त जानकारी के माध्यम से ‘पहचान’ की गई है, जिसमें ‘सुझाव’ दिया गया है कि ये व्यक्ति विदेशी खाते या संपत्ति रख सकते हैं, या विदेशी क्षेत्राधिकार से आय प्राप्त कर चुके हैं। बता दें कि देर से एवं संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।