ब्लिट्ज ब्यूरो
करनाल। हरियाणा के करनाल जिले के असंध क्षेत्र में सरकारी मैथ टीचर सतपाल बिसला ने अनूठी व अनुकरणीय पहल की। उन्होंने अपनी रिटायरमेंट पर पार्टी करने के बजाय एक गरीब परिवार की बेटी के हाथ पीले कराए। नए जोड़े को गृहस्थी का सारा सामान दिया। बिसला ने कहा- रिटायरमेंट की पार्टी पर लाखों रुपए उड़ाने से अच्छा है, किसी का भला करना। वैसे भी बेटियां सबकी सांझी होती हैं।
सतपाल बिसला 31 अगस्त को रंगरूटीखेड़ा के गवर्नमेंट मिडिल स्कूल से रिटायर हुए हैं। आमतौर पर सरकारी कर्मचारी की रिटायरमेंट पर भव्य विदाई पार्टी करने का चलन है। ऐसे आयोजनों पर लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। बिसला ने इससे हटकर समाज के सामने नई मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी ड्यूटी के आखिरी दिन कोई रिटायरमेंट पार्टी करने की बजाय एक परिवार की बेटी की शादी करवाई।
उनका कहना है कि वे अब स्कूल की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं, लेकिन सामाजिक जिम्मेदारी हमेशा निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुहिम में वो समाज के ओर लोगों को भी जोड़ेंगे। उनके इस कदम से पूरे क्षेत्र में प्रेरणादायक संदेश गया और ग्रामीणों ने भी उनकी पहल की सराहना की।
30 साल तक पढ़ाया, अब निभाई सामाजिक जिम्मेदारी
सतपाल बिसला जबाला गांव के रहने वाले हैं। वे 1995 में बतौर शिक्षक शिक्षा विभाग में भर्ती हुए। वो गणित पढ़ाते थे। करीब 30 साल तक नौकरी की। उनकी आखिरी पोस्टिंग गवर्नमेंट मिडिल स्कूल रंगरूटीखेड़ा में रही। जहां से उनकी रिटायरमेंट हुई। उन्होंने रिटायरमेंट के दिन समाज के लिए विशेष योगदान करने का फैसला लिया।
रंगरूटीखेड़ा गांव में वाल्मीकि समाज में एक गरीब परिवार की बेटी किस्मत है। किस्मत की मां का पहले ही देहांत हो चुका था और परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। ऐसे में सतपाल बिसला ने निर्णय लिया कि वे अपनी रिटायरमेंट के दिन किस्मत की शादी करवाएंगे। परिवार ने पहले ही रिश्ता तय कर लिया था और शादी की सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं। स्कूल में विदाई के बाद वे सीधे किस्मत के घर पहुंचे, जहां शादी की तैयारियां चल रही थीं। उसी दिन कैथल के फरल गांव से बारात जबाला गांव पहुंची। विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ शादी संपन्न हुई और बेटी किस्मत को विदा किया गया। सतपाल बिसला ने किस्मत को घर बसाने के लिए जरूरी सामान भी भेंट किया।
इसमें बेड, अलमारी, कुर्सी, मेज और अन्य आवश्यक घरेलू सामान शामिल था। उनका कहना था कि लड़की को विदाई देते समय उसकी नई जिंदगी के लिए जरूरी सामान देना भी सामाजिक दायित्व का हिस्सा है। यह तो शुरुआत है, भविष्य में और लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा, ताकि बेटियों की शादियां सामूहिक प्रयास से धूमधाम से की जा सकें।
पत्नी भी सरकारी लेक्चर दोनों बेटे वेटेरनरी डॉक्टर
सतपाल बिसला ने बताया कि यह कदम उन्होंने अकेले नहीं उठाया, बल्कि पूरे परिवार ने उनका साथ दिया। उनकी पत्नी केलो देवी जलमाना के सरकारी स्कूल में हिंदी विषय की लेक्चरर हैं। दोनों बेटे अमन व अंकित वेटेरनरी डॉक्टर हैं। अमन विवाहित है और अंकित अभी अविवाहित है। उन्होंने भी हर स्तर पर इस कार्य के लिए पूरा सहयोग किया।