ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले यीडा सिटी में जमीनी बसावट को हकीकत में बदलने की कवायद तेज कर दी है। भारी निवेश के बावजूद विकास की धीमी गति को देखते हुए प्राधिकरण ने अगले 15 महीनों, यानी 2027 के चुनाव से पहले शहर में बसावट को मूर्त रूप देने का लक्ष्य तय किया है।
इस योजना के केंद्र में वे 18 सेक्टर हैं, जहां 20 से 30 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण न होने के कारण विकास कार्य लटके हुए हैं। इन सेक्टरों में सेक्टर-5, 8, 17, 18, 20, 22डी, 28, 29, 32 और 33 प्रमुख रूप से शामिल हैं। प्राधिकरण ने इन सेक्टरों में फंसी जमीनों को 10-10 एकड़ के हिस्सों में सीधे किसानों से खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए अधिकारियों द्वारा किसानों की सूची तैयार की जा रही है ताकि उनसे संवाद कर सहमति बनाई जा सके।
अपने प्लॉट की प्रतीक्षा में आवंटी
इस पहल से उन हजारों आवंटियों को भी बड़ी राहत मिलेगी जो सालों से अपने भूखंडों का इंतजार कर रहे हैं। आवासीय सेक्टर 18 और 20 में 2009 की योजना के लगभग 1700 आवंटी अब भी अपने प्लॉट की प्रतीक्षा में हैं। इसी तरह औद्योगिक सेक्टर 32 और 33 में 2013 से करीब 115 आवंटियों को जमीन नहीं मिल सकी है। प्राधिकरण ने इन सभी को जल्द से जल्द भूखंड आवंटित करने का आश्वासन दिया है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ आरके सिंह ने बताया कि यीडा क्षेत्र के सेक्टरों की शत प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत करने के लिए कार्ययोजना तैयार है। हम किसानों से सीधे जमीन खरीद रहे हैं ताकि अटके हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। हमारा पूरा फोकस अगले 15 महीनों में यीडा सिटी में अधिकाधिक ज्यादा बसावट सुनिश्चित करने पर है।