ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत अपने एयर डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत कर रहा है। मॉडर्न वॉरफेयर को देखते हुए फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ ही ड्रोन सिस्टम पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. अब टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) ने एयरो इंडिया-2025 के शो में ऐसे ड्रोन सिस्टम को दुनिया के सामने रखा है, जिससे दुश्मनों की नींद उड़नी लाजिमी है। यह ड्रोन काफी ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों से भी उड़ान भरने में सक्षम है। 250 किलोमीटर तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम यह ड्रोन घातक हथियार को ले जाने में कैपेबल है। खास बात है कि यह ड्रोन उन इलाकों में भी टारगेट को साध सकता है, जहां जीपीएस काम नहीं करता। बता दें कि भारत की सीमाएं पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश जैसे देशों से लगती हैं। इन देशों से लगने वाले इलाके काफी दुर्गम हैं, ऐसे में यह ड्रोन दुश्मनों के दांत खट्टे करने में काफी सक्षम होगा।
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की ओर से डेवलप इस ड्रोन को फिलहाल एडवांस्ड लॉयटरिंग सिस्टम (एएलएस) का नाम दिया गया है। इसे किलर ड्रोन भी कहा जाता है। टाटा के अधिकारियों का कहना है कि इस ड्रोन को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से डेवलप किया गया है। 250 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज होने की वजह से इसकी अहमियत काफी बढ़ जाती है। युद्ध या सैन्य टकराव की स्थिति में यह ड्रोन दुश्मनों के ठिकानों को बिना किसी मानवीय नुकसान के तबाह करने में सक्षम होगा। सेना या फाइटर जेट को भेजे बिना ही शत्रुओं को व्यापक पैमाने पर क्षति पहुंचाई जा सकती है। भारत को लंबे समय से ऐसे ड्रोन टेक्नोलॉजी की तलाश थी, जो दुर्गम और हाई एल्टीट्यूड (ऊंचाई वाले क्षेत्र) वाले क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक अपने मिशन को अंजाम दे सके।
10 हजार फीट की ऊंचाई से उड़ान भरने में सक्षम
टाटा के अधिकारियों ने बताया कि एएलएस 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई वाले इलाकों में भी उड़ान भरने में सक्षम है। यह ड्रोन चीन से लगते लद्दाख के इलाकों में डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने में काफी कारगर साबित होंगे। इसकी मदद से एलएसी पर न केवल दुश्मनों को टारगेट करना आसानी से संभव हो सकेगा, बल्कि महत्वपूर्ण सूचनाएं इकट्ठा करने में भी यह कारगर होगा। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते इलाकों में भी यह ड्रोन काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। फिलहाल भारत एडवांस ड्रोन का आयात करता है, ताकि सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
दुश्मनों के लिए साबित होगा घातक
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एएलएस घातक हथियार ले जाने में भी सक्षम है। जरूरत पड़ने पर यह ड्रोन एंटी टैंक वॉरहेड समेत अन्य तरह के हथियार ले जा सकता है। इसके पेलोड के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार यह इंटर्नल कंबश्चन सिस्टम से ऑपरेट करने में समर्थ है। इस तरह यह ड्रोन ज्यादा पेलोड ले ज सकता है। बता दें कि कम दूरी के ड्रोन बैटरी से ऑपरेट होते हैं, जिसके चलते भार वहन की उनकी क्षमता कम होती है।