ब्लिट्ज ब्यूरो
जयपुर। भगवान राम की नगरी अयोध्या धाम जाने का सपना देख रहे शेखावाटी और सीमावर्ती जिलों के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने गर्मियों की छुट्टियों में भक्तों को तोहफा देते हुए श्रीगंगानगर से गुवाहाटी के बीच स्पेशल वीकली ट्रेन चलाने का एलान कर दिया है। खास बात यह है कि ये ट्रेन शेखावाटी के सीकर, चूरू होते हुए सीधे अयोध्या धाम तक जाएगी।
दरअसल, राजस्थान के शेखावाटी और सीमावर्ती इलाकों के लिए रेलवे की ओर से बड़ी खुशखबरी इसलिए भी मानी जा रही है कि क्योंकि इस ट्रेन के संचालन से अब श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, चूरू समेत कई जिलों के लोग सीधे अयोध्या धाम पहुंच सकेंगे।
21 मई से शुरू हो रही श्रीगंगानगर-गुवाहाटी वीकली स्पेशल ट्रेन राजस्थान के एक दर्जन से ज्यादा स्टेशनों पर रुकेगी और यात्रियों को 7 राज्यों के प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंचाएगी।
शेखावटी अंचल के यात्रियों को मिलेगी सुविधा
भारतीय रेलवे के अधीन उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से देश में मौजूदा समय में सबसे अधिक धार्मिक स्थल अयोध्या धाम होकर एक वीकली ट्रेन के संचालन का एलान किया गया है। इस ट्रेन से राजस्थान में शेखावाटी अंचल के चूरू और सीकर के अलावा श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, भरतपुर जिलों के रेलवे स्टेशनों से जुड़े यात्रियों को बहेद फायदा मिलेगा। खास बात है कि इससे सबसे ज्यादा लाभ शेखावाटी अंचल के लोगों को फायदा होगा जिनसे अभी तक सीधी या लिंक ट्रेन की उपलब्धता नहीं थी।
6 हफ्तों की श्रीगंगानगर-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन
रेलवे ने इस स्पेशल ट्रेन को महज एक नहीं, पूरे 6 हफ्तों तक चलाने का प्लान बनाया है। 21 मई से शुरू होकर 29 जून तक हर हफ्ते दोनों दिशाओं में कुल 6-6 ट्रिप्स होंगी। कहा जा रहा है कि अगर आपका मन प्रभु श्रीराम की शरण में जाने का है या फिर अन्य स्टेशनों का तो सीट बुक करवा लीजिए, क्योंकि इंतजार करने वालों को वेटिंग लिस्ट में ही संतोष करना पड़ सकता है।
बैद्यनाथ धाम और कामाख्या देवी के लिए भी सीधी ट्रेन
ऐसे में इन स्टेशनों के यात्रियों को लंबी दूरी की ट्रेन की सुविधा मिल जाएगी। कहा जा रहा है कि यात्री अगर गर्मियों के अवकाश में अयोध्या धाम, कामाख्या देवी या फिर भगवान शंकर से जुड़े ज्योर्तिलिंग बाबा बैद्यनाथधाम में भी जाने के लिए प्रोगाम बनाएं तो उन्हें भी सीधी ट्रेन मिलने लग जाएगी। शेखावाटी के लोगों का कहना है कि इस ट्रेन को झुंझुनूं होकर भी चलाया जाए ताकि स्टेशन से ट्रेन का साधन मिल सके।