ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों ओर स्थापित हो रही यीडा सिटी के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज पर यमुना अथॉरिटी ने मंथन शुरू कर दिया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की कलर कोडिंग के आधार पर बिल्डिंग बायलॉज बनेगा। इसका सबसे ज्यादा असर 4 से 6 किमी एरिया में पड़ेगा। यहां की रियल एस्टेट मार्केट पर भी इसका असर पड़ सकता है क्योंकि, जिन बिल्डरों ने यीडा की स्कीमों में ग्रुप हाउसिंग प्लॉट खरीदे हैं, उनको नए बिल्डिंग बायलॉज का अंदाजा नहीं था। उन्होंने हाईराइज इमारतें खड़ी कर मोटा मुनाफा कमाने का प्लान बनाया था, लेकिन अब उसमें कटौती करनी पड़ेगी। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में अथॉरिटी ने नए बिल्डिंग बायलॉज बनाने के लिए एजेंसी चुनने का फैसला लिया था।
अब मंथन हो रहा है कि एएआई की कलर कोडिंग में क्या-क्या नियम है,जिनको बिल्डिंग बायलॉज बनाते समय आधार बनाना पड़ेगा। नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि अथॉरिटी सर्वे एजेंसी का जल्द चयन कर लेगी। प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। स्पेशल कलर कोड वाले जोनिंग मैप में एयरपोर्ट के पास 4 से लेकर 20 किमी तक के दायरे में कितनी दूरी पर कितनी ऊंची बिल्डिंग बनाने का नियम है, इसकी जानकारी है। यह केवल एक नियामक औपचारिकता नहीं, बल्कि उड़ान संचालन और नेविगेशन सिस्टम को किसी भी बाधा से बचाने के लिए जरूरी है। इसका मकसद विमान के उड़ान भरने और उतरने के दौरान किसी भी रुकावट को दूर करना होता है। ऐसे में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास जो लोग भी ऊंचे टावर या बड़ी इमारतें बनाना चाहते हैं, उन्हें पहले एनओसी लेनी होगा। बिना एनओसी वाले निर्माण को गिरा दिया जाएगा।
माना जा रहा है कि नए नियमों से आम लोगों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन बड़े टावर और ऊंची इमारतें बनाने वाले डिवेलपर्स को सख्ती से एएआई के नियम मानने होंगे। यीडा सिटी के सेक्टरों में यमुना अथॉरिटी 32 हजार से ज्यादा लोगों को आवासीय प्लॉटों का आवंटन कर चुकी है। इसके अलावा व्यावसायिक, औद्योगिक और ग्रुप हाउसिंग के आवंटियों की संख्या भी हजारों में है। ऐसे में जो आवंटी 15 मीटर से ऊंची इमारतें या टावर बनाने की योजना बना रहे थे, उन्हें नए बिल्डिंग बायलॉज का इंतजार करना होगा।
कुछ ऐसा हो सकता है नियम
जोन-1
14 से 19 मीटर तक की ऊंचाई वाली इमारतें बनाई जा सकती हैं। एयरपोर्ट के 4 किमी के दायरे में
जोन-2
24 से 29 मीटर तक की ऊंचाई हो सकती है 6.1 किमी के दायरे में।
जोन-3
79 मीटर तक निर्माण किए जा सकते हैं जो एरिया 9.1 किमी के दायरे में है
जोन-4
109 मीटर तक ऊंचे भवन की अनुमति मिल सकती है, एयरपोर्ट से 15 किमी दूर तक
जोन-5
139 मीटर ऊंची इमारतें बना सकते है, एयरपोर्ट रेफरेस पॉइंट से 20 किमी दूर अधिकतम