ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। बिहार एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निर्वाचन आयोग ने कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए शोर शराबा मचा रही हैं उन्होंने आयोग की टीम के सामने अब तक एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है जबकि राजनीतिक दलों के एक लाख 61 हजार बूथ लेवल एजेंट हैं। एक बीएलए एक दिन में दस तक आपत्ति या सुझाव का सत्यापन कर दाखिल कर सकता है। उसे समय की कोई दिक्क त या कमी नहीं हैं जबकि दो लाख 63 हजार नए वोटर ने एक अगस्त के बाद वोटर लिस्ट में रजिस्ट्रेशन की अर्जी दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों की निष्कि्रयता हैरान करने वाली है। अदालत ने सवाल उठाया कि बीएलए (बूथ स्तर एजेंट) नियुक्त करने के बाद वे क्या कर रहे हैं और लोगों तथा स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच इतनी दूरी क्यों है। कोर्ट ने साफ कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाताओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के समक्ष निर्वाचन आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कई अहम दलीलें रखीं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह उन 65 लाख लोगों की सूची जारी करें जिनके नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं। आयोग को लिस्ट में यह भी बताना था कि आखिर उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल न करने की वजह क्या है।
निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया गया है और ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न होने वाले लगभग 65 लाख लोगों की बूथवार सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है।
65 लाख लोग डिजिटल रूप से हासिल कर सकते हैं जानकारी
आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट लिस्ट में नाम शामिल न किए जाने के कारणों का भी खुलासा किया गया है और जिला स्तर पर वेबसाइट पर डाला गया है। इससे पहले हमने बीएलए को भी जानकारी दी थी। पंचायत और बीडीओ के ऑफिस में पोस्ट करने का निर्देश दिया गया था, वह भी पूरा कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी गई है। यह भी बताया गया है कि ये 65 लाख लोग डिजिटल रूप से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं और आधार कार्ड जमा कर सकते हैं। अब सुधार के लिए लोगों को आवेदन के साथ फॉर्म 6 के जरिए दावा करना होगा।
कपिल सिब्बल ने बताया कि वो आरजेडी के मनोज झा ओर से पेश हो हो रहे हैं। वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि वो 7 राजनीतिक पार्टियों की ओर से पेश हो रहे हैं। आयोग के वकील ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी आपत्ति लिखित में जमा नहीं कराई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इन राजनीतिक दलों ने कितने डीएलए नियुक्त किए। आयोग ने कहा एक लाख 61 हजार। चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी आपत्ति लिखित में जमा नहीं कराई है।