ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मोदी सरकार देश के प्रमुख शहरों के बीच सफर का समय घटाने के लिए लगातार हाइवे, एक्सप्रेसवे, टनल और फ्लाईओवर का निर्माण कर रही है। इस कड़ी में गुरुग्राम से गुजरात के वडोदरा शहर तक बन रहे एक्सप्रेसवे का काम भी लगभग पूरा कर लिया है। इस रास्ते की सबसे बड़ी बाधा राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में बन रही टनल थी, जिसका निर्माण अब पूरा हो गया है। इस टनल के जरिये दोनों शहरों के बीच की दूरी तो घटेगी ही, साथ ही आने-जाने में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। माना जा रहा है कि इसके निर्माण के बाद गुरुग्राम से वडोदरा की दूरी महज 10 घंटे में तय की जा सकेगी, जिसे पूरा करने में अभी 20 से 22 घंटे लग जाते हैं।
1 लाख करोड़ की लागत
सरकार करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली से मुंबई तक एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जिसका 80 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। 1,380 किलोमीटर के इस रास्ते को देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे माना जा रहा है, जिसे कई सेक्शन में बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे का दिल्ली से दौसा तक का निर्माण पूरा हो चुका है और इसे ट्रैफिक के लिए खोला जा चुका है। अब 4 किलोमीटर लंबी इस टनल का निर्माण होने से एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा हो चुका है और अक्टूबर, 2025 में इसे ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।
कब तक तैयार होगी
कोटा के पास बन रही इस टनल से हिल एरिया पार करना आसान हो जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है और दौसा तक काम पूरा होने के बाद आगे यह रास्ता कोटा जिले तक जाता है। इन दोनों जिलों के बीच मुकुंदरा हिल्स के पास 4 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है और यह काम भी लगभग पूरा हो चुका है। इसके पूरा होने से एक्सप्रेसवे सीधे पहाड़ियों के बीच से गुजरकर पूरे पहाड़ी भूभाग को पार कर जाएगा। यह सुरंग डबल लेन की बनाई जा रही है, जिसकी टनल पूरी हो चुकी है और दूसरी पर काम लगभग खत्म होने वाला है। यह टनल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व को पार करती है और जंगली जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए वाहनों को गुजरने का साधन बनती है।
टनल पार कर सीधे गुजरात
मुकुंदरा हिल्स में बन रही इस सुरंग को पार करके एक्सप्रेसवे सीधे गुजरात की सीमा में प्रवेश कर जाता है और यह रास्ता कोटा क्षेत्र और वडोदरा के बीच एक गलियारा बनाता है। इसके बाद यह एक्सप्रेसवे वडोदरा में खत्म हो जाता है। इसके आगे का रास्ता एक्सप्रेसवे के दूसरे हिस्से से जुड़ता है, जो सीधे मुंबई तक ले जाता है। इस तरह दिल्ली से मुंबई तक एक्सप्रेसवे के जरिये सिर्फ 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी इस दूरी को तय करने में 24 घंटे से भी ज्यादा का समय लग जाता है।
8 लेन का एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को 8 लेन का बनाया जा रहा है, जिसकी चौड़ाई करीब 21 मीटर है। एक्सप्रेसवे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे बाद में 12 लेन तक बढ़ाया जा सके, बिना किसी परेशानी के।
यह एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास और पर्यटन को काफी बढ़ावा देगा। एक्सप्रेसवे को तेज गति के सफर के लिए डिजाइन किया गया है। लिहाजा इस पर 120 किलोमीटर की गति से गाड़ी चला सकते हैं।