ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। क्या आप विदेश में एमबीबीएस करना चाहते हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो फिर हम आपको ऐसे देश के बारे में बताएंगे, जहां आप न सिर्फ किफायती दाम में मेडिकल डिग्री हासिल कर पाएंगे, बल्कि आपको भारत में प्रैक्टिस की भी इजाजत मिलेगी। यहां जिस देश की बात हो रही है, वो उज्बेकिस्तान है। नीट रिजल्ट जारी होने के बाद बहुत से भारतीय विदेश में एमबीबीएस करना चाहते हैं। उनके लिए उज्बेकिस्तान बेस्ट देश है।
उज्बेकिस्तान में मेडिकल डिग्री हासिल करने में छह साल का वक्त लगता है, जिसमें पांच साल तक छात्रों को अकेडमिक और क्लिनिकल स्टडी करनी होती है। इसमें थ्योरी, प्रैक्टिकल स्किल और क्लिनिकल रोटेशन पर फोकस होता है। इसके बाद एक साल का अनिवार्य इंटर्नशिप है, जिसमें छात्रों को अस्पतालों में जाकर मरीजों के साथ काम करने का मौका मिलता है। शुरूआती दो साल काफी अहम होते हैं, जिसमें कई तरह के सब्जेक्ट्स की पढ़ाई करनी होती है।
एमबीबीएस एडमिशन की शर्तें क्या हैं?
मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है।
12वीं में कम से कम 50 फीसदी नंबर होने चाहिए और सारे सब्जेक्ट्स की पढ़ाई अंग्रेजी मीडियम में होनी चाहिए। उज्बेकिस्तान में पढ़ने के लिए नीट क्वालिफाई करना जरूरी है, ताकि भारत में प्रैक्टिस की इजाजत मिल पाए।
उज्बेकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में उन्हीं छात्रों को एडमिशन मिलता है, जिनकी उम्र 17 साल या उससे अधिक है। एमबीबीएस एडमिशन के लिए अंग्रेजी आना अनिवार्य है। आईलेट्स /टोफेल की जरूरत नहीं होती है, लेकिन लेक्चर अंग्रेजी में होते हैं।
उज्बेकिस्तान की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज कौन सी हैं?
ताशकंद मेडिकल अकादमी
समरकंद स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
बुखारा स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
अंदीजान स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
ताशकंद स्टेट डेंटल इंस्टीट्यूट
फरगाना मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ
नमनगन स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
उरगेंच स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
कराकल्पक स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
जिजाख स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट
एमबीबीएस करने का खर्च कितना है?
उज्बेकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों की फीस 2.5 लाख से लेकर 4.5 लाख रुपये सालाना के बीच होती है। इस तरह छह साल के कोर्स के लिए आपको 15 लाख से 25 लाख रुपये के बीच खर्च करना पड़ सकता है। हॉस्टल फीस 40 हजार से लेकर 60 हजार रुपये सालाना के बीच होता है। उज्बेकिस्तान एक सस्ता देश है, जिस वजह से यहां रहने-खाने पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं होता है। एक छात्र 12 हजार से 20 हजार रुपये महीने में अपना गुजारा कर सकता है। हालांकि, ये खर्च लाइफस्टाइल के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकता है।
भारत में प्रैक्टिस कैसे कर सकते हैं?
विदेश से मेडिकल डिग्री हासिल कर आने वाले छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एक टेस्ट देना पड़ता है।
इसे ‘फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन’ के तौर पर जानते हैं। जो भी छात्र इस एग्जाम को पास करता है, उसे भारत में मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल जाता है। हालांकि, इस एग्जाम में बैठने के लिए पहले नीट क्वालिफाई करना जरूरी है। यही वजह है कि छात्रों को उज्बेकिस्तान में एडमिशन से पहले ही नीट क्वालिफाई कर लेना चाहिए।































