ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्यभर में 3200 संविदा महिला परिचालकों की नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का एलान किया है। इससे पहले निगम द्वारा 1800 महिला परिचालकों की भर्ती की जा चुकी है। अब कुल लगभग 5000 महिला अभ्यर्थियों को संविदा पर परिचालक पद पर नियुक्त करने का लक्ष्य है। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 जुलाई तक विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों में चयनित अभ्यर्थियों को उनके गृह जनपद के अन्तर्गत आने वाले डिपो में नियुक्त किया जाएगा।
क्या है पात्रता? कौन कर सकता है आवेदन
परिवहन निगम ने इस भर्ती प्रक्रिया के लिए कई अनिवार्य योग्यताएं और विशेषताएं निर्धारित की हैं जिससे यह प्रक्रिया पारदर्शी और गुणवत्ता आधारित बन सके।
– न्यूनतम इंटरमीडिएट (12वीं पास) होना आवश्यक है।
– सीसीसी कंप्यूटर कोर्स उत्तीर्ण होना चाहिए।
– अतिरिक्त अर्हताएं (इनमें से कोई एक जरूरी)
– उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) या कौशल विकास मिशन के तहत सदस्यता
– एनसीसी ‘बी’ प्रमाणपत्र
– एनएसएस का सक्रिय सदस्यता प्रमाण
– स्काउट गाइड संस्था का राज्य पुरस्कार प्रमाणपत्र
– राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रमाणपत्र
इन अतिरिक्त योग्यताओं से स्पष्ट है कि निगम का उद्देश्य केवल रोजगार प्रदान करना नहीं, बल्कि जिम्मेदार, प्रशिक्षित और समाजसेवी महिलाओं को आगे लाना है।
कब और कहां होंगे रोजगार मेले
रोजगार मेलों का आयोजन चार चरणों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा:
तारीख स्थान
– 15 जुलाई को नोएडा, आगरा, मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर में मेले आयोजित हो चुके
-18 जुलाई गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, अयोध्या, वाराणसी
– 22 जुलाई मेरठ, इटावा, हरदोई, देवीपाटन, आजमगढ़
– 25 जुलाई सहारनपुर, झांसी, कानपुर, चित्रकूटधाम, बांदा, प्रयागराज
हर रोजगार मेले में महिला अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का ऑफ लाइन सत्यापन किया जाएगा। चयनित महिला परिचालकों को उसी क्षेत्र के स्थानीय डिपो में पदस्थ किया जाएगा, जिससे वे पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वाह सहजता से कर सकें।
पारिश्रमिक और सेवा शर्तें
दयाशंकर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि महिला परिचालकों को संविदा चालकों और परिचालकों के लिए अनुमन्य पारिश्रमिक के समान ही वेतन दिया जाएगा। यह एक समानता और सम्मान की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे महिला कर्मियों को पुरुष साथियों के बराबर अवसर और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
मील का पत्थर
राज्य सरकार और परिवहन निगम की यह पहल महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है। पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान माने जाने वाले परिवहन क्षेत्र में महिलाओं को समान अवसर देना न केवल लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा बल्कि सार्वजनिक सेवाओं में संवेदनशीलता और विविधता भी लाएगा। साथ ही महिला परिचालकों की उपस्थिति से महिलाओं को बसों में यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधा का अतिरिक्त भरोसा मिलेगा।
समाज और परिवारों की प्रतिक्रिया
इस निर्णय से प्रदेश भर में महिला अभ्यर्थियों और उनके परिवारों में उत्साह और उम्मीद की लहर दौड़ गई है। कई महिलाओं ने बताया कि सरकारी सेवा में आने का यह उपयुक्त अवसर है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो सीमित संसाधनों और ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं।
भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर विशेष प्रयास
भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए निगम ने:
– ऑफ लाइन सत्यापन की व्यवस्था की है
– स्थानीय डिपो में तैनाती
– केवल योग्यताओं के आधार पर चयन जैसे उपाय लागू किए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव से मुक्त चयन हो।
राज्य मंत्री ने क्या कहा
परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम परिवहन सेवाओं को न केवल बेहतर बना रहे हैं, बल्कि सामाजिक सरोकार और महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहे हैं। यह भर्ती अभियान केवल एक रोजगार कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक दृढ़ प्रयास है।
– इससे पहले 1800 महिलाओं की हो चुकी है भर्ती
– 25 जुलाई तक रोजगार मेलों का होगा आयोजन































