ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। अमेरिका में एच-1 बी वीजा को लेकर बहस शुरू हो गई है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह इस प्रोग्राम में विश्वास करते हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा से वीजा पसंद रहा है, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं। इसलिए हमारे पास ये हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी प्रॉपर्टी पर कई एच-1 बी वीजा वाले लोग हैं। मैं एच-1 बी में विश्वास करता हूं। मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है और यह एक बेहतरीन प्रोग्राम हैं।’
– भावी राष्ट्रपति ने मस्क व विवेक रामास्वामी, श्रीराम कृष्णन, डेविड सैक्स का भी पक्ष लिया
ट्रम्प ने अपनी बातचीत में एलन मस्क, विवेक रामास्वामी, श्रीराम कृष्णन और डेविड सैक्स की बातों का समर्थन किया। इस वीजा प्रोग्राम को लेकर ट्रंप की टीम में विचार विभिन्नता देखी जा रही है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1 बी वीजा कार्यक्रम की आलोचना की थी और अपने पहले कार्यकाल के दौरान इस तक पहुंच को प्रतिबंधित किया था लेकिन इस बार के चुनावी अभियान में उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अमेरिकी कॉलेज यूनिवर्सिटी से स्नातक है तो उसे ऑटोमैटिक रूप से ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए।
एलन मस्क ने भी किया एच-1 बी का समर्थन
एच-1 बी रुख पर ट्रंप के बदलाव ने विवाद को महत्वपूर्ण बना दिया है क्योंकि ट्रंप प्रशासन एच-1 बी वीजा प्रोग्राम में कुछ बदलाव ला सकता है, जिसके जरिए कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखती हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इस वीजा प्रोग्राम में विस्तार की मांग की है, जो अमेरिका पहले नीति के समर्थकों के लिए चिंता की बात है। विवेक रामास्वामी ने भी इसका समर्थन किया है।
विरोधियों पर भड़के मस्क
एच-1बी वीजा को लेकर एलन मस्क को ट्रंप के कई समर्थकों से आलोचना का सामना करना पड़ा। मस्क ने अब इसका ऐसा जवाब दिया है, जो असभ्य माना जा सकता है। उन्होंने विरोधियों के लिए ‘एफ शब्द’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा, ‘मैं अमेरिका में हूं और मेरे साथ वे कई महत्वपूर्ण लोग भी हैं जिन्होंने स्पेसएक्स, टेस्ला और अन्य सैकड़ों कंपनियां बनाई हैं, जिन्होंने अमेरिका को मजबूत बनाया है। इसका कारण एच-1 बी है।’ उन्होंने आगे कहा कि मैं इस मुद्दे के लिए युद्ध छेड़ने को भी तैयार हूं, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।