ललित दुबे
वाशिंगटन। अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद तुरंत प्रभाव से रोक दी है। व्हाइट हाउस के अनुसार यह मदद तब तक बहाल नहीं होगी जब तक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की शांति की इच्छा नहीं जताते।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। ऐसी मदद जो अमेरिका से अभी तक यूक्रेन पहुंची भी नहीं थी, उसे भी रोक दिया गया है, इसमें पोलैंड तक पहुंच चुका सामान भी शामिल है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन को रोकी गई मदद तब तक बहाल नहीं की जाएगी, जब तक राष्ट्रपति ट्रम्प को यह यकीन नहीं हो जाता कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की वास्तव में शांति चाहते हैं।
जेलेंस्की की सैन्य मदद रोकने से कुछ घंटे पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। उन्होंने कहा- जेलेंस्की नहीं चाहते कि जब तक उन्हें अमेरिका का समर्थन हासिल है, तब तक शांति हो। यह जेलेंस्की की तरफ से दिया गया सबसे खराब बयान है, अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
यूक्रेन की 8.7 हजार करोड़ रुपए की मदद रुकी
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इससे एक अरब डॉलर यानी 8.7 हजार करोड़ रुपए के हथियार और गोला-बारूद संबंधी मदद पर असर पड़ सकता है। इसे जल्द ही यूक्रेन को डिलीवर किया जाना था। ट्रम्प के आदेश के बाद उस मदद को रोक दिया गया है जिसका इस्तेमाल यूक्रेन सिर्फ अमेरिकी डिफेंस कंपनियों से सीधे नए सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए कर सकता है। हालांकि अभी तक अमेरिकी सहायता रोके जाने पर राष्ट्रपति जेलेंस्की की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पिछले 3 सालों में अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ संघर्ष में हथियार, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता दी है। इस मदद के बंद होने से यूक्रेन की रक्षा क्षमता पर काफी असर पड़ेगा। यूक्रेन की सेना अमेरिका से मिले हथियारों खासकर तोप, ड्रोन और मिसाइल सिस्टम पर काफी ज्यादा निर्भर रहा है। इसके बंद होने के बाद यूक्रेन का रूसी हमलों का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा और साथ ही रूस, यूक्रेन के कुछ और इलाकों पर कब्जा कर सकता है।