ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक और वंदे भारत मेट्रो की सौगात मिलने वाली है। ये ट्रेन लखनऊ से कानपुर समेत पांच रेलखंडों पर दौड़ती दिखाई देगी। यह ट्रेन लखनऊ से कानपुर की दूरी को मात्र 45 मिनट में पूरा करेगी। इस पर 480 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कानपुर के बाद लखनऊ से प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर रूटों पर भी मेट्रो की तर्ज पर वंदे भारत मेट्रो चलेगी। इस वंदे भारत मेट्रो के चलने से यात्रियें को बहुत राहत महसूस होगी। लोग कम समय में राजधानी पहुंच पाएंगे। राजधानी से वाराणसी भी श्रद्धालु कम समय में पहुंच सकेंगे।
वंदे भारत एक्सप्रेस जैसा हो सकता है किराया
प्राप्त जानकारी के अनुसार वंदे भारत मेट्रो का किराया वंदे भारत एक्सप्रेस के आसपास ही हो सकता है लेकिन टिकट के किराये को लेकर अभी रेलवे की तरफ से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। इसमें कानपुर के लिए 500 रुपये तो अयोध्या के लिए 750 रुपये और प्रयागराज,गोरखपुर,वाराणसी के लिए 900 से हजार के बीच किराया हो सकता है। रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस वंदे भारत मेट्रो में वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह ही सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
चार रूट पर रेलवे खर्च करेगा 480 करोड़
रेलवे की तरफ से वंदे भारत मेट्रो को चलाने के लिए सभी जोनों को पहले से ही निर्देशित किया था। फिर इसके बाद बजट का प्रावधान किया गया था। लखनऊ से कानपुर के बीच लगभग पूरा काम हो चुका है।
कितना समय लगेगा वंदे भारत मेट्रो में
वंदे भारत मेट्रो को लखनऊ से कानपुर पहुंचने में 45 मिनट लगेगा, इसकी कुल दूरी 80 किमी है। वहीं वंदे भारत मेट्रो लखनऊ से अयोध्या 160 किमी की दूरी 90 मिनट में,लखनऊ से प्रयागराज 197 किमी 115 मिनट में,लखनऊ से वाराणसी 284 किमी 225 मिनट में तो वहीं लखनऊ से गोरखपुर 263 किमी 210 मिनट में पूरा करेगी।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत छह जनपद आते हैं। इनमें गौतमबुद्धनगर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस और आगरा शामिल हैं। आगरा के अधिसूचित क्षेत्र को न्यू आगरा अर्बन सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है।
गाजियाबाद में डीएम सर्किल रेट से नहीं वसूला जाएगा गृहकर
गाजियाबाद। शहर में डीएम सर्किल रेट के हिसाब से हाउस टैक्स नहीं वसूला जाएगा। इस बारे में महापौर ने पांचों जोनल अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि सदन में लिए निर्णय के अनुसार पहले की तरह ही कर वसूला जाए। यानी की नई संपत्ति से भी चार गुणा कर निर्धारण न किया जाए। नगर निगम ने शासन के आदेश पर नई संपत्ति पर डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स वसूलना शुरू कर दिया था।