ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में चर्चा के दौरान बंकिम चंद्र चटर्जी के लिखे राष्ट्रीय गीत के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया, साथ ही आजादी की लड़ाई में इसके योगदान का जिक्र किया।
आइए जानते हैं राष्ट्रगीत का हिंदी अर्थ क्या है-
‘हम अपनी मातृभूमि की वंदना करते हैं, हे मां तुम्हे नमस्कार। मेरी यह मातृभूमि शीतल जल और सुस्वादु फलों से युक्त है। मेरी मातृभूमि मलयागिरि के चंदन के समान शीतलता प्रदान करने वाली है।
मेरी मातृभूमि अपनी फसलों (खाद्यान्न) और वनस्पतियों से हरी-भरी है। मैं इस मातृभूमि को वन्दन करता हूं। इस धरती माता की रात्रि स्वच्छ चांदनी में खिलखिलाती है और खिले हुए पुष्पों और लताओं से सुशोभित होकर प्रसन्न है।’
‘ऐसा प्रतीत होता है कि इस धरती मां की प्राकृतिक संपदा को पाकर मातृभूमि हम सभी से मधुर वार्तालाप करने को आतुर है। हमारी यह मातृभूमि हम सभी को सुख समृद्धि का वरदान देने वाली है। मैं अपनी इस मातृभूमि की वंदना करता हूं। हे मां तुम्हे नमस्कार।’
वंदे मातरम्: मैं तुम्हें नमन करता हूं, मां।
सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम : मां, तुम जल से परिपूर्ण, फलों से भरी हुई और मलय पर्वत से आती ठंडी हवा (शीतलता) प्रदान करने वाली हो।
शस्य श्यामलाम् मातरम्: तुम हरी-भरी फसलों से ढकी हुई हो, मां, मैं तुम्हें नमन करता हूं।
शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनी : तुम्हारी रात्रियों पर चांद की उज्ज्वल किरणें चमकती हैं और उन्हें आनंदित करती हैं।
फुल कुसुमित द्रुमदल शोभिनी : तुम्हारे पेड़ों पर खिले हुए फूल शोभायमान हैं।
सुहासिनी सुमधुर भाषिणी : तुम हमेशा मुस्कुराने वाली, मधुर भाषा बोलने वाली हो।
सुखदाम वरदाम मातरम् : तुम सुख देने वाली और वरदान देने वाली मां हो, मैं तुम्हें नमन करता हूं।





























