ब्लिट्ज ब्यूरो
गुरुग्राम। गुरुग्राम का मानेसर नगर निगम (एमसीएम) अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों को एक नई और विशिष्ट पहचान देने की तैयारी में है। निगम प्रशासन ने क्षेत्र के 35 गांवों के प्रवेश मार्गों पर ‘स्वागत द्वार’ बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस पूरी परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
‘स्वागत द्वार’ बनाने का यह मुद्दा मानेसर नगर निगम की पहली सदन की बैठक में निगम पार्षदों द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था। पार्षदों का तर्क था कि निगम में शामिल होने के बाद गांवों के शहरीकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। पार्षदों की इसी मांग और जनभावना को देखते हुए निगम प्रशासन ने 35 गांवों में ‘स्वागत द्वार’ बनाने की कार्ययोजना तैयार की है। निगम अधिकारियों के अनुसार, इन ‘स्वागत द्वारों’ के बनने से न केवल गांवों की सीमाओं का स्पष्ट निर्धारण होगा, बल्कि मानेसर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण दृश्य भी उभरकर सामने आएगा।
परियोजना को मंजूरी के लिए भेजा गया
नगर निगम के अनुसार, इस परियोजना का विस्तृत अनुमान तैयार कर लिया गया है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए वित्त एवं संविदा समिति के पास भेजा जाएगा। समिति से प्रशासनिक और वित्तीय अनुमति मिलते ही निगम द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। निगम अधिकारियों का दावा है कि टेंडर अलॉट होने के बाद युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा ताकि समयबद्ध तरीके से गांवों को यह सौगात मिल सके।
गांवों को अलग पहचान
मानेसर निगम के इस कदम से ग्रामीणों में उत्साह है। उनका मानना है कि स्वागत द्वारों के निर्माण से उनके गांवों को एक अलग और गौरवशाली पहचान मिलेगी। इससे पहले कई प्रमुख गांवों के लोग लंबे समय से प्रवेश द्वारों की मांग कर रहे थे। अब 10 करोड़ रुपये के बजट से न केवल गांवों का सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि यह निगम द्वारा ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा निवेश भी माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह पहल नगर निगम मानेसर को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित निकाय के रूप में स्थापित करने की दिशा में सिर्फ एक शुरुआत है।
हरियाणवी संस्कृति की झलक दिखेगी
योजना की सबसे खास बात यह है कि सभी 35 गांवों में बनाए जाने वाले स्वागत द्वारों का डिजाइन और स्वरूप एक समान रखा जाएगा। एक ही डिजाइन होने से पूरे निगम क्षेत्र में एकरूपता नजर आएगी। डिजाइन में आधुनिकता के साथ-साथ हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देखने को मिल सकती है। इन द्वारों के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जाएगा ताकि ये लंबे समय तक सुरक्षित और आकर्षक बने रहें।































